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MP News: जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में नकली नोट छापने वाले एक बड़े गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है, जिसकी जड़ें मंडला और नरसिंहपुर तक फैली हुई थीं। हनुमानताल थाना पुलिस ने मंडला जिले से दो आरोपियों के कब्जे से 12 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए हैं। इस मामले में अब तक कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से दो मंडला, दो जबलपुर और अन्य दो पहले की कार्रवाई में पकड़े गए थे। पुलिस द्वारा अब तक की जांच में कुल 15 लाख रुपये के नकली नोट जब्त किए जा चुके हैं।
MP News: गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मंडला से संतोष श्रीवास्तव और अजय कुमार नवेरिया, जबकि जबलपुर से धीरज मनवानी और गौरव तिवारी शामिल हैं। जांच में यह खुलासा हुआ कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड ऋतुराज विश्वकर्मा था, जो 25 हजार रुपये के बदले 1 लाख रुपये के नकली नोट सप्लाई करता था। उसने मंडला में 4 लाख रुपये के बदले 12 लाख रुपये के नकली नोट भेजे थे। धीरज मनवानी, गौरव तिवारी और राकेश तिवारी जैसे लोग इन जाली नोटों को बाजार में खपाने का काम करते थे।
MP News: इस रैकेट की फैक्ट्री अधारताल क्षेत्र में स्थित एक किराए के मकान में चल रही थी, जहां मुख्य आरोपी ऋतुराज नकली नोटों की छपाई करता था। पुलिस ने इस मकान से 3 लाख रुपये के जाली नोट, एक कलर प्रिंटर, लैपटॉप, पेपर कटिंग शीट और अन्य सामग्री बरामद की थी। पूर्व में ऋतुराज और उसके सहयोगी रवि दहिया को भी गिरफ्तार किया गया था। इन्हीं की पूछताछ के आधार पर पुलिस ने मंडला और नरसिंहपुर में फैले इस नेटवर्क को उजागर किया।
MP News: हनुमानताल थाना पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की थी। जांच में यह सामने आया कि ऋतुराज पिछले 8 से 9 महीनों से नकली नोटों की छपाई कर रहा था और उसने नोटों का डिज़ाइन तैयार करने के लिए पेंट एप और विकिपीडिया का सहारा लिया था। पुलिस को आशंका है कि यह रैकेट राज्य या देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय हो सकता है। सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है, ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों और नकली नोटों की सप्लाई चेन का पता लगाया जा सके। पुलिस अब इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है और जल्द ही इस रैकेट से जुड़े अन्य चेहरों का भी पर्दाफाश हो सकता है।
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