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MP News : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में चार महत्वपूर्ण मल्टी-ट्रैकिंग रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं की कुल लागत 24,634 करोड़ रुपये है, जो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ को जोड़ेंगी। इनमें से दो परियोजनाएं मध्य प्रदेश से जुड़ी हैं, जो राज्य की रेल कनेक्टिविटी, पर्यटन और रोजगार को नई उड़ान देंगी।
MP News : मंजूरी पाई परियोजनाएं
1. वडोदरा-रतलाम तीसरी और चौथी रेल लाइन
लंबाई: 259 किमी
लागत: 8,885 करोड़ रुपये
फीचर्स: 95 रोड अंडर/ओवर ब्रिज, 2 रेल ओवर रेल ब्रिज, 4 टनल
लाभ: अतिरिक्त यात्री ट्रेनें, व्यापार वृद्धि, यात्रा समय में कमी, 38 करोड़ किलो CO₂ उत्सर्जन में कटौती (1.5 करोड़ पेड़ के बराबर)
लाभकारी जिले: गुजरात (वडोदरा, पंचमहल, दाहोद) और मध्य प्रदेश (झाबुआ, रतलाम)
2. इटारसी-भोपाल-बीना चौथी रेल लाइन
लंबाई: 237 किमी
लागत: 4,329 करोड़ रुपये
फीचर्स: 82 रोड अंडर/ओवर ब्रिज, 9 टनल
लाभ: दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद के लिए सुगम यात्रा, सांची-भीमबेटका जैसे यूनेस्को स्थलों तक आसान पहुंच, 32 करोड़ किलो CO₂ उत्सर्जन में कमी (1.29 करोड़ पेड़ के बराबर)
लाभकारी जिले: मध्य प्रदेश (रायसेन, सागर, विदिशा, भोपाल, सीहोर, नर्मदापुरम)
MP News : मुख्यमंत्री का आभार
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन परियोजनाओं की मंजूरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का धन्यवाद किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “वडोदरा-रतलाम (259 किमी) और इटारसी-भोपाल-बीना (237 किमी) रेल परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए हार्दिक आभार। यह मध्य प्रदेश के विकास को नई गति देगा।”
MP News : रेल मंत्री की प्रतिक्रिया
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वडोदरा-रतलाम परियोजना से व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, जबकि इटारसी-भोपाल-बीना परियोजना पर्यटन को बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि ये परियोजनाएं पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगी, जो लाखों पेड़ लगाने के बराबर है।
MP News : क्षेत्रीय लाभ
वडोदरा-रतलाम: इस रूट पर यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, जिससे झाबुआ और रतलाम के लोगों को सीधी लाभ होगा।
इटारसी-भोपाल-बीना: यह रेल लाइन मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों को जोड़ेगी और सांची-भीमबेटका जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान करेगी। साथ ही, क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।