
Money based game is closed
Money based game is closed : नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा ‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025’ के पारित होने के बाद देश की रियल-मनी गेमिंग (RMG) इंडस्ट्री में भूचाल आ गया है। इस नए कानून के तहत रियल-मनी गेम्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसके चलते कई प्रमुख गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने अपने पैसे वाले गेम्स को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। हालांकि, ये ऐप्स अभी भी ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं।
Money based game is closed : प्रमुख कंपनियों पर संकट
Dream11, PokerBaazi, MPL, Games24x7, WinZO, Zupee, Junglee Games, Head Digital Works, Gameskraft और Khelo Fantasy जैसी देश की शीर्ष RMG कंपनियों पर इस कानून का सीधा असर पड़ा है। इन प्लेटफॉर्म्स ने अपनी वेबसाइट्स पर घोषणा की है कि नए कानून के कारण उन्हें अपने रियल-मनी गेमिंग कारोबार को बंद करना पड़ रहा है। इन कंपनियों ने यूजर्स को भरोसा दिलाया है कि उनके द्वारा जमा किए गए सभी पैसे पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द से जल्द वापस कर दिया जाएगा।
Money based game is closed : कानून के प्रावधान
नए कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रियल-मनी गेम्स, उनके प्रचार और इससे जुड़े वित्तीय लेन-देन की कोई भी गतिविधि अब अवैध होगी। ये नियम स्किल-बेस्ड और चांस-बेस्ड, दोनों तरह के गेम्स पर लागू होंगे। कानून का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। वहीं, इन गेम्स को प्रोमोट करने वालों पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना और 2 साल तक की जेल का प्रावधान है।
Money based game is closed : इंडस्ट्री पर गहरा प्रभाव
रियल-मनी गेमिंग इंडस्ट्री, जिसे अक्सर स्किल-बेस्ड गेम्स के रूप में प्रचारित किया जाता था, को इस कानून ने सट्टेबाजी और जुए की श्रेणी में रखा है। यह इंडस्ट्री न केवल 200,000 से अधिक नौकरियां प्रदान करती थी, बल्कि हर साल करीब 20,000 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व भी देती थी। इस बैन से न केवल कंपनियों को भारी नुकसान होगा, बल्कि विदेशी निवेश और स्टार्टअप्स की वृद्धि पर भी असर पड़ेगा।
Money based game is closed : कंपनियों की प्रतिक्रिया
Dream11, MPL और PokerBaazi जैसी कंपनियों ने अपने यूजर्स को सूचित किया है कि वे कानून का पालन करने के लिए अपने रियल-मनी गेमिंग मॉडल को बंद कर रहे हैं। कुछ कंपनियां अब ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग जैसे गैर-मौद्रिक मॉडल्स की ओर रुख करने की योजना बना रही हैं। हालांकि, इंडस्ट्री विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतिबंध अवैध ऑफशोर प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा दे सकता है, जो यूजर्स की सुरक्षा और कर राजस्व के लिए खतरा बन सकता है।