

रायपुर : छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सियासी हलचल तेज हो गई है। रायपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में 5 मार्च को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होंगे। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही अपने सदस्यों को एकजुट करने में जुटी हुई हैं।
भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियाँ अपने पक्ष में अधिक सदस्यों का समर्थन जुटाने का दावा कर रही हैं। दोनों दलों का कहना है कि उनके पास 8 से अधिक सदस्य हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी संख्या है। निर्दलीय उम्मीदवारों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि कई जिलों में स्पष्ट बहुमत नहीं है।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कई नेताओं के परिजन भी दावेदारी कर रहे हैं। कई जिलों में मौजूदा या पूर्व जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों को प्रमुख उम्मीदवार माना जा रहा है। इससे साफ है कि स्थानीय राजनीति में परिवारवाद की भूमिका लगातार बनी हुई है।
चुनाव नजदीक आते ही सियासी घमासान भी तेज हो गया है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह सदस्यों को प्रलोभन देकर अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है। वहीं, भाजपा का कहना है कि कांग्रेस खुद अंतर्कलह से जूझ रही है और बहुमत जुटाने में नाकाम हो रही है।
5 मार्च को होने वाले चुनाव के बाद ही साफ होगा कि कौन से जिले में किस दल का दबदबा रहेगा। फिलहाल, दोनों दल अपने समीकरण मजबूत करने में जुटे हैं, और निर्दलीय सदस्यों को अपने पक्ष में लाने की कोशिशें जारी हैं।
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