
Manendragarh News
Manendragarh News : मनेन्द्रगढ़ : मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के एक गांव में लोगों को राशन लेने से पहले पहाड़ पर जाना होता है, तब कहीं जाकर राशन मिलता है।
यह एक दो बार नहीं बल्कि पूरे साल यही प्रक्रिया दोहराई जाती है। राशनकार्ड धारकों को राशन लेने से पहले क्यों पूरे गांव के लोगों को पहाड़ पर क्यों चढ़ना पड़ता है, चलिए देखते हैं
हमारे संवाददाता शराफत अली की खास रिपोर्ट दरअसल छत्तीसगढ़ शासन के नियमानुसार राशन कार्ड धारकों को ई पॉस मशीन के जरिये राशन वितरित किया जाता है।
ऐसे में प्रत्येक राशन कार्ड धारकों को फिंगर लगाना अनिवार्य होता है, तब कहीं जाकर हितग्राहियों को राशन मिलता है। मगर एमसीबी जिले के भरतपुर विकासखंड
अंतर्गत गढ़वार का ग्राम पंचायत में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण से ई पास मशीन काम नहीं करता है, ऐसे में राशन वितरण करने वाले विक्रेता के साथ साथ पूरे राशनकार्ड हितग्राहियों को दो किलोमीटर दूर एक पहाड़ पर जाना
पड़ता है, जहां पर मोबाइल नेटवर्क काम करता है. जिसके बाद हितग्राहियों का फिंगर लगावाया जाता है तब कहीं जाकर राशन मिलता है, क्योंकि गांव से दूर पहाड़ पर ही नेटवर्क मिल रहा है।
इस तरह कि दिनचर्या से ग्रामीणों को भी सारे काम छोड़ कर पूरा दिन पहाड़ पर बैठना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि डीलर हमें संदेश भिजवा देते हैं
कि राशन आ गया है,सभी लोग पहाड़ पर पहुंचे फिंगर लगाना है, इसके बाद ग्रामीणों का जद्दोजहद शुरू हो जाता है।
उपभोक्ता अवधेश सिंह ने बताया कि यंहा फिंगर लगाने के लिये बहुत परेशानी होती है बुजुर्ग लोग यहाँ चढ़ते है कभी भी गिर सकते हैं शासन को थोड़ी पता है।हम लोग को पता है
कि कैसे पहाड़ में चढ़ कर फिंगर लगते हैं कभी भी पहाड़ में चढ़ते चढ़ते बुजुर्ग लोग पहाड़ से गिर सकते हैं शासन को चाहिये कि यहां मोबाइल टावर की व्यवस्था करे जिससे हम लोग को सुविधा मिल सके ये समस्या हर महीने बनी रहती है
हम तो किसी तरह पहाड़ चढ़ जाते हैं लेकिन बुजुर्गों,महिलाओं और बच्छो को पहाड़ी में चढ़ने के लिये बहुत दिक्कत होती है।
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गांव के सरपंच रामफल पंडो ने बताया कि गांव के आसपास मोबाईल नेटवर्क नहीं है,एक मात्र पहाड़ी के ऊपर ही नेटवर्क काम करता है. जिसके कारण हर महीने 382 राशन कार्डधारीयों प्रति माह पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है.
इसकी शिकायत मैं खाद्य निरीक्षक एवम जिला खाद्यआधिकारी को किया हूं। लेकिन अभी तक कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ है या तो गांव के आस-पास मोबाइल टावर लगवाया जाए या फिर शासन हमारे पंचायत में
ऑफलाइन राशन वितरण करने की अनुमति दे. जिससे पूरे पंचायत के लोगों को इस परेशानी से निजात मिल सके। मगर हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अधिकारी कहते हैं कि छत्तीसगढ़ शासन ने ऑनलाइन राशन वितरण करने
का आदेश दी है. ऑफलाइन नहीं दे सकते. सबसे अधिक परेशानी बरसात के मौसम में होता है। जंगल पहाड़ में सांप,बिच्छू के साथ जंगली जानवरों का डर बना रहता है।
इस मामले में क्षेत्रीय विधायक रेणुका सिंह ने कहा कि चुनाव से पहले मैं क्षेत्र की जनता से मोबाइल कनेक्टिविटी को लेकर वादा किया था. मुझे अपने वादे याद हैं.
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मैं इस विषय को लेकर गंभीर हूँ. भरतपुर-सोनहत विधानसभा में मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या जल्द दूर की जाएगी।
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