
मनेन्द्रगढ़ : हसदेव क्षेत्र में स्थित झिरिया कोयला खदान में एक बड़ा हादसा हुआ है। ड्रेसिंग के दौरान चट्टान गिरने से एक एसईसीएल कर्मी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल कर्मी का इलाज मनेन्द्रगढ़ के सेंट्रल अस्पताल में जारी है।
हादसे का कारण
हादसा ड्रेसिंग प्रक्रिया के दौरान हुआ, जब अचानक चट्टान गिर गई। इस घटना ने खदानों में सुरक्षा उपायों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, खदान में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन ठीक से नहीं किया गया था, जिसके चलते यह हादसा हुआ।
खदान सुरक्षा पर सवाल
झिरिया कोयला खदान हसदेव क्षेत्र का हिस्सा है, जहां कोयला खनन का काम बड़े पैमाने पर होता है। हालांकि, इस क्षेत्र में खनन के दौरान हादसों की खबरें पहले भी सामने आई हैं।
- सुरक्षा उपायों की कमी: खदान में सुरक्षा मानकों का पालन न करना हादसों की मुख्य वजह है।
- श्रमिकों की सुरक्षा: श्रमिकों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करना जरूरी है।
स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई
हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सुरक्षा उपायों की कमी और लापरवाही को हादसे का कारण बताया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हसदेव क्षेत्र में खनन का प्रभाव
हसदेव क्षेत्र अपनी जैव विविधता और पर्यावरणीय महत्व के लिए जाना जाता है। यहां कोयला खनन के कारण न केवल पर्यावरणीय क्षति हो रही है, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी खनन गतिविधियों से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: खनन के कारण जंगल और जल स्रोत प्रभावित हो रहे हैं।
- सामाजिक मुद्दे: स्थानीय निवासियों के जीवन पर खनन का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
आगे का रास्ता
इस हादसे ने कोयला खदानों में सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की जरूरत को रेखांकित किया है। स्थानीय प्रशासन और खनन कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों। साथ ही, श्रमिकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
मनेन्द्रगढ़ के इस हादसे ने खदानों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा के प्रति एक बार फिर ध्यान आकर्षित किया है। यह जरूरी है कि खनन कार्य में लगे सभी कर्मचारी सुरक्षित माहौल में काम कर सकें।