
Mahindra Aerostructures
Mahindra Aerostructures: नई दिल्ली। भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हुए, एयरबस ने अपने एच130 हेलीकॉप्टर के मुख्य फ्यूजलेज निर्माण के लिए महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड को चुना है। यह करार ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूत करने वाला एक ऐतिहासिक कदम है। मार्च 2027 से यूरोप स्थित एयरबस हेलीकॉप्टर सुविधाओं में इन फ्यूजलेज की डिलीवरी शुरू होगी। इस करार पर हस्ताक्षर के दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किन्जरापु राममोहन नायडू, मंत्रालय के सचिव वूमलुन्मांग वुलनम, एयरबस इंडिया के अध्यक्ष रेमी मेलार्ड और महिंद्रा समूह के सीईओ डॉ. अनीश शाह मौजूद रहे।
Mahindra Aerostructures: एच130 हेलीकॉप्टर: उड्डयन का बेहतरीन उदाहरण
एच130 एक सिंगल-इंजन हेलीकॉप्टर है, जिसमें आठ सीटों की क्षमता है। इसे यात्री परिवहन, पर्यटन, चिकित्सा आपातकालीन सेवाओं, निगरानी और निजी उड्डयन में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसकी बड़ी खिड़कियां और बाधारहित केबिन बेहतर दृश्यता प्रदान करते हैं, जबकि अत्याधुनिक तकनीक इसे अधिक शक्तिशाली और शांत बनाती है। महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर्स इस हेलीकॉप्टर के फ्यूजलेज का निर्माण और असेंबली करेगी, जिसका औद्योगिकीकरण तुरंत शुरू किया जाएगा। अगले दो वर्षों के भीतर पहली केबिन असेंबली की डिलीवरी की जाएगी।
Mahindra Aerostructures: एयरबस- महिंद्रा साझेदारी: वैश्विक एयरोस्पेस में भारत की भूमिका मजबूत
महिंद्रा समूह के सीईओ डॉ. अनीश शाह ने इस साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “एयरबस के साथ यह सहयोग हमारी वैश्विक एयरोस्पेस क्षमताओं को दर्शाता है। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हमें देश में उन्नत विनिर्माण को बढ़ावा देने पर गर्व है।” वहीं, एयरबस इंडिया के अध्यक्ष रेमी मेलार्ड ने कहा, “यह अनुबंध भारत की औद्योगिक उत्कृष्टता और हमारे अटूट भरोसे का प्रमाण है। हम भारत में मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग और नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।”
Mahindra Aerostructures: महिंद्रा की एयरबस के साथ बढ़ती भागीदारी
महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर्स पहले से ही एयरबस के कमर्शियल विमानों के लिए विभिन्न कंपोनेंट्स की आपूर्ति करता है। यह नया अनुबंध महिंद्रा को जटिल एयरोस्ट्रक्चर्स निर्माण के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान दिलाएगा, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में इसकी स्थिति और मजबूत होगी।
एयरबस वर्तमान में भारत से प्रतिवर्ष 1.4 बिलियन डॉलर की खरीद करता है और प्रत्येक एयरबस विमान में भारतीय तकनीक और पुर्जों का उपयोग किया जाता है। यह साझेदारी भारत को एक प्रमुख वैश्विक एयरोस्पेस हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश की औद्योगिक और तकनीकी क्षमता को और अधिक सशक्त करेगा।
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