Mahakumbh 2025: प्रयागराज : भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने के उद्देश्य से, प्रयागराज महाकुंभ 2025 में संस्कृति मंत्रालय ने संगम की रेत पर ‘कलाग्राम’ नामक एक विशेष सांस्कृतिक गांव की स्थापना की है। 10 एकड़ में फैले इस कलाग्राम की टैगलाइन है: “कला, संस्कृति और परंपरा,” जहां आगंतुक इन तीनों का अनोखा संगम देख सकते हैं।
Mahakumbh 2025: कलाग्राम की विशेषताएं
कलाग्राम में पूरे भारत की सांस्कृतिक झलकियों को प्रस्तुत किया गया है। यहां विजुअल आर्ट्स, परफॉर्मिंग आर्ट्स, और लोक कला जैसे विविध पहलुओं को प्रदर्शित करने के साथ-साथ 12 ज्योतिर्लिंगों के आकार में बना एक अनोखा मॉडल और चार धाम भी दिखाए गए हैं। कलाग्राम में सेल्फी पॉइंट्स और आकर्षक प्रदर्शन आगंतुकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बने हैं।
Mahakumbh 2025: कार्यक्रमों की भव्यता
कलाग्राम में कई बड़े कलाकारों और सांस्कृतिक समूहों द्वारा प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। इसमें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के कलाकार ‘समुद्र मंथन’ का मंचन करेंगे, जबकि श्रीराम भारतीय कला केंद्र के कलाकार श्रीराम, कृष्ण और मीरा के जीवन की धुनों पर प्रस्तुतियां देंगे।
Mahakumbh 2025: संगीत और प्रदर्शन का उत्सव
16 जनवरी को मशहूर गायक और संगीतकार शंकर महादेवन के कार्यक्रम के साथ महाकुंभ की सांस्कृतिक यात्रा शुरू होगी। 24 फरवरी को मोहित चौहान की प्रस्तुति के साथ समापन होगा। इस दौरान हरिहरन, ऊषा उथुप, मैथिली ठाकुर और अन्य नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
Mahakumbh 2025: युवाओं में उत्साह
संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव, अमिता प्रसाद सारभाई, ने बताया कि यह महाकुंभ युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हो रहा है। डिजिटल और दिव्य कुंभ की झलकियां इसे और खास बना रही हैं। यहां गंगा अवतरण का 5D अनुभव, म्यूजियम, और राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र की गतिविधियां भी आकर्षण का केंद्र होंगी।
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था बल्कि सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बनकर उभर रहा है, जो देश और दुनिया में भारत की विविधता को दर्शा रहा है।
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