उत्तरप्रदेश : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आगामी महाकुंभ के दौरान नाबालिग लड़की को दीक्षा देने के मामले में जूना अखाड़े ने कड़ी कार्रवाई करते हुए महंत कौशल गिरि को 7 साल के लिए अखाड़े से निष्कासित कर दिया है।
नाबालिग को दीक्षा का मामला
जूना अखाड़े के प्रवक्ता महंत नारायण गिरि ने बताया कि महंत कौशल गिरि ने आगरा की रहने वाली 13 वर्षीय राखी सिंह को संन्यास की दीक्षा दी थी। यह दीक्षा 2 दिन पहले दी गई थी। अखाड़े की परंपराओं और नियमों का उल्लंघन करने के चलते महासभा ने सर्वसम्मति से महंत कौशल गिरि के खिलाफ यह कार्रवाई की।
परिवार ने की बेटी को दान
राखी सिंह, जो 9वीं कक्षा की छात्रा है, को उसके माता-पिता ने महंत कौशल गिरि को “दान” कर दिया था। जानकारी के मुताबिक, राखी का परिवार 26 दिसंबर को प्रयागराज आया था और उन्होंने अपनी बेटी को महंत के संरक्षण में सौंप दिया।
राखी की साध्वी बनने की इच्छा
राखी के परिवार का कहना है कि उसने खुद साध्वी बनने की इच्छा जताई थी। राखी महंत कौशल गिरि के साथ जुड़कर सनातन धर्म की सेवा करना चाहती थी। इसी आधार पर महंत कौशल गिरि ने उसे दीक्षा दी, लेकिन नाबालिग को दीक्षा देने की वजह से यह मामला विवाद में आ गया।
महाकुंभ की तैयारियां अंतिम चरण में
महाकुंभ इस साल 13 जनवरी से शुरू होकर 26 जनवरी तक चलेगा। 12 वर्षों के बाद यह पूर्ण कुंभ आयोजित किया जा रहा है। योगी सरकार ने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं ताकि किसी को कोई कठिनाई न हो।
जूना अखाड़े द्वारा लिए गए इस सख्त फैसले ने अखाड़े की परंपराओं और नियमों को सख्ती से पालन करने का संदेश दिया है।
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