महाकुंभ Mahakumbh 2025 : दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम, हर 12 साल में आयोजित होता है और इस बार यह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहा है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए जमा हो रहे हैं। हाल ही में, नासा के अंतरिक्ष यात्री डॉन पेटिट ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से महाकुंभ की एक शानदार तस्वीर साझा की, जिसे देखकर यह घटना अंतरिक्ष से भी अद्वितीय और शानदार लगती है।
अंतरिक्ष से कैसा दिखता है महाकुंभ?
डॉन पेटिट द्वारा शेयर की गई तस्वीर में प्रयागराज की संगम नगरी पूरी तरह से रौशन दिखाई दे रही है। यह दृश्य रात के समय का है, जब लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आस्था की डुबकी लगा रहे थे।
अंतरिक्ष से यह दृश्य एक विशाल रोशनी के रूप में दिखाई देता है, जो महाकुंभ के व्यापक और भव्य स्वरूप को दर्शाता है।
पेटिट द्वारा ली गई तस्वीर में प्रकाश के समुद्र की तरह फैलते हुए सड़कों और संगम के आस-पास की अनगिनत रोशनियाँ दिखाई दे रही हैं। यह दृश्य जितना भव्य था, उतना ही यह दिखाता है कि यह धार्मिक आयोजन न केवल पृथ्वी पर, बल्कि अंतरिक्ष में भी कितना प्रभावशाली है।
महाकुंभ Mahakumbh 2025
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या
महाकुंभ का आयोजन 2025 में ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, 26 जनवरी 2025 तक 13.21 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके थे। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, और इस अद्वितीय धार्मिक उत्सव में भाग लेने के लिए श्रद्धालु दुनिया भर से आ रहे हैं।
महाकुंभ के इस साल के आयोजन में विशेष रूप से श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को मिल रहा है। दुनिया भर के विभिन्न देशों से लोग महाकुंभ में अपनी आस्था और भक्ति के साथ भाग लेने के लिए आए हैं। इस प्रकार के धार्मिक समागमों में आमतौर पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं, लेकिन महाकुंभ का आयोजन एक अद्वितीय अनुभव है।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और यह समय हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र होता है। इस दौरान श्रद्धालु संगम में स्नान करके अपने पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हैं।
महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत प्रभावशाली है।
अंतरिक्ष से महाकुंभ का दृश्य: एक नई पहचान
नासा के एस्ट्रोनॉट डॉन पेटिट की शेयर की गई तस्वीर ने महाकुंभ के आयोजन को एक नई पहचान दी है। इस तस्वीर को देखकर यह स्पष्ट होता है कि महाकुंभ का आयोजन न केवल पृथ्वी पर बल्कि अंतरिक्ष से भी देखने लायक है। यह चित्रण हमें यह एहसास कराता है कि धार्मिक आस्था और सामूहिक भावना कितनी शक्तिशाली हो सकती है।
महाकुंभ Mahakumbh 2025
इस तस्वीर को देखकर यह भी ज्ञात होता है कि महाकुंभ केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक बन चुका है।
इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है, और नासा जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के एस्ट्रोनॉट्स द्वारा इसे अंतरिक्ष से देखा और साझा किया जाना, इस आयोजन के वैश्विक महत्व को साबित करता है।
महाकुंभ का आयोजन एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मील का पत्थर है, और यह न केवल पृथ्वी पर बल्कि अंतरिक्ष से भी देखने योग्य है। नासा के एस्ट्रोनॉट डॉन पेटिट द्वारा इस आयोजन की जो तस्वीर साझा की गई, उसने महाकुंभ की भव्यता और धार्मिक महत्व को दर्शाया। यह तस्वीर एक बार फिर साबित करती है कि महाकुंभ का प्रभाव सीमाओं से परे है और यह दुनिया भर में एक अनोखा अनुभव बन चुका है।
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