Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ को लेकर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा था। उन्होंने अव्यवस्थाओं के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री से नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग की थी। अब उनके इस बयान को लेकर संत समाज ने कड़ा विरोध जताया है और उन्हें कुंभ से बाहर किए जाने की मांग की जा रही है।
संतों की ओर से विरोध और बहिष्कार की मांग
श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्री कृष्ण जन्मभूमि केस के पक्षकार पंडित दिनेश फलाहारी ने अविमुक्तेश्वरानंद पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में कुंभ क्षेत्र में स्थान नहीं दिया जाना चाहिए। प्रयागराज सेक्टर 5 में आयोजित विराट संकल्प सभा में देशभर के संतों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया और कुंभ से उन्हें बाहर करने की मांग उठाई।
संकल्प सभा में कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति का आह्वान
इस संकल्प सभा का आयोजन भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि की मुक्ति के लिए किया गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ महामंडलेश्वर हरिदास संप्रदाय पीठाधीश्वर राधा प्रसाद देव जू महाराज, अखिल भारतीय दंडी स्वामी परिषद के अध्यक्ष विद्यानंद महाराज, पंडित दिनेश फलाहारी और अन्य संतों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान हजारों संतों और श्रद्धालुओं ने 108 बार हाथ उठाकर कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति का संकल्प लिया। सभा वेद मंत्रों से गूंजायमान रही और चार चरणों में चली, जिसमें साधु-संतों ने संकल्प लेते हुए कहा कि जब तक भगवान श्रीकृष्ण की संपूर्ण जन्मभूमि मुक्त नहीं हो जाती, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।
Mahakumbh 2025: अविमुक्तेश्वरानंद को कुंभ से किया जाए बाहर
संतों ने अविमुक्तेश्वरानंद पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे कुंभ जैसे धार्मिक आयोजन को बदनाम कर रहे हैं और हिंदू हृदय सम्राट योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगकर सनातन धर्म को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों को भविष्य में कुंभ जैसे आयोजनों में स्थान नहीं दिया जाना चाहिए। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध संत रामास्वामी वेंकटम नारायण भारती सहित कई संतों ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री जैसे पद नकली नहीं हो सकते, तो फिर धर्म की हानि करने वाले नकली शंकराचार्यों को भारत में क्यों रहना चाहिए? उन्होंने आरोप लगाया कि अविमुक्तेश्वरानंद राजनीतिक दलों के इशारे पर काम कर रहे हैं और सनातन धर्म को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।
सभा में मौजूद प्रमुख संत और धर्माचार्य
संकल्प सभा में महंत मोहिनी बिहारी शरण महाराज, श्री विद्यामातंड अरविंद स्वामी, बलराम आचार्य, जय गोपाल शास्त्री, स्वरूपानंद त्यागी, नंद गिरी, गिर्राज सिंह बाल्मीकि, ब्रह्माण्ड पांडे, कैलाश जायसवाल, मोहनदास बाबा रामदेव यादव, जयराम शर्मा और मनोहर लाल प्रजापति समेत अनेक संत मौजूद रहे। सभा का संचालन राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित राजेश पाठक ने किया।
सभा के दौरान संतों ने एक सुर में कहा कि कुंभ जैसे पवित्र आयोजन को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए और सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों को इस आयोजन का हिस्सा नहीं बनने देना चाहिए।
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