
Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत आज से......
प्रयागराज : Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में आज से महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। हिंदू धर्म में महाकुंभ का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह आयोजन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम स्थल, जिसे ‘त्रिवेणी संगम’ कहा जाता है, पर होता है। लाखों श्रद्धालु और साधु-संत इस पवित्र अवसर का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ: एक अनोखा आयोजन
महाकुंभ का आयोजन भारत में चार स्थानों पर होता है – प्रयागराज, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार। हर स्थान पर यह आयोजन 12 वर्षों के अंतराल पर होता है। इन पवित्र स्थलों पर स्नान, दान और ध्यान का महत्व सबसे अधिक माना जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अनुभव के लिए भी खास है।

त्रिवेणी संगम का महत्व
प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। यह स्थल ‘मोक्ष प्राप्ति’ का स्थान कहा जाता है। मान्यता है कि यहां स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में शुद्धता आती है।
श्रद्धालुओं का जमावड़ा
महाकुंभ के इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु, साधु-संत और तीर्थयात्री त्रिवेणी संगम पर आकर डुबकी लगाते हैं। नागा साधु, अघोरी, किन्नर अखाड़ा, और विभिन्न अखाड़ों से जुड़े संत यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।

सुरक्षा और व्यवस्थाएं
इस भव्य आयोजन के लिए प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं। संगम स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्थाई शहर बसाया गया है। साफ-सफाई, चिकित्सा सेवाएं और परिवहन की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है।
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की झलक पेश करता है। यह पर्व लाखों लोगों को एक साथ जोड़ता है और श्रद्धा, भक्ति और एकता का प्रतीक बनता है।
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