
CGST रिश्वतखोरी मामला: अधीक्षक और ड्राइवर की रिमांड 28 फरवरी तक बढ़ी, CBI की जांच जारी
नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव सट्टा ऐप घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार सुबह बड़ी कार्रवाई की। रायपुर, भिलाई, दुर्ग, भोपाल सहित देश के 60 स्थानों पर छापेमारी की गई। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधायक देवेंद्र यादव, 7 पुलिस अधिकारियों और कई IAS अफसरों के ठिकाने शामिल हैं। जांच से पता चला कि इस घोटाले में बड़े नेताओं और नौकरशाहों को “प्रोटेक्शन मनी” दी गई थी, ताकि अवैध सट्टेबाजी का नेटवर्क बिना रुकावट चल सके।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहले दावा किया था कि महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप की जांच में छत्तीसगढ़ के कई प्रभावशाली राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता उजागर हुई है। ऐप के मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल, जो छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं, को ED के अनुरोध पर इंटरपोल रेड नोटिस के आधार पर दुबई में हिरासत में लिया गया है। ED के मुताबिक, इस घोटाले से अपराध की आय करीब 6,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
CBI ने अपने बयान में कहा कि यह छापेमारी महादेव बुक सट्टेबाजी घोटाले से जुड़े राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों और ऐप के प्रमुख लोगों के ठिकानों पर की गई है। जांच में खुलासा हुआ कि प्रमोटरों ने अपने गैरकानूनी सट्टेबाजी कारोबार को निर्बाध रूप से चलाने के लिए लोक सेवकों को भारी रकम दी थी। इस मामले की शुरुआत रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने की थी, जिसे बाद में छत्तीसगढ़ सरकार ने गहन जांच के लिए CBI को सौंप दिया।
छापेमारी के दौरान CBI ने कई डिजिटल और दस्तावेजी सबूत जब्त किए हैं। यह कार्रवाई अभी जारी है और जांच के दायरे में संदिग्ध व्यक्तियों की भूमिका की पड़ताल की जा रही है। यह घोटाला न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी फैला हुआ है, जिसके तार बड़े नेताओं और अधिकारियों से जुड़े होने की बात सामने आ रही है।
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