
निसंतान दम्पतियों की सूनी गोद खुशियों से भरते हैं भगवान कार्तिक स्वामी...पढ़े पूरी स्टोरी
रुद्रप्रयाग : जनपद रुद्रप्रयाग में क्रोंच पर्वत चोटी पर विराजमान उत्तर भारत का इकलौता भगवान कार्तिकेय मन्दिर में 14 नवम्बर को बैकुण्ठ चतुर्दर्शी पर्व पर लगने वाले धार्मिक अनुष्ठान की सभी तैयारियां मन्दिर समिति द्वारा जोरों पर चल रही है।मन्दिर को भव्य रूप से सजाया जा रहा है।
बताते चलें कि उतर भारत में एक अकेला कार्तिकेय भगवान का मन्दिर जो कि रुद्रप्रयाग जिले के क्रोंच पर्वत चोटी पर स्थित है,कार्तिक स्वामी मंदिर चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के 362 गाँवो के आराध्य देवता के रूप में पूजे जाते हैं
साथ ही यह स्थान धार्मिक आशा के साथ साथ रमणीक पर्यटक स्थल के रूप में भी विख्यात है, जिसे पाँचवे धाम के रूप में मान्यता देने की कवायत जारी है।
पौराणिक मान्यताओं के आधार पर कार्तिकेय स्वामी मंदिर में हर साल बैकुण्ठ चतुर्दर्शी पर्व पर भव्य धार्मिक पूजा अर्चना एंव ध्यान यज्ञ का बड़ा महत्व है, यहाँ पर नव विवाहित जोड़े एंव निसंतान दम्पति बैकुण्ठ चतुर्दर्शी के दिन खड़े
दीपक की ज्योति के साथ रात दिन चार पहर की विशेष पूजा पाठ करते है,भगवान इन सभी निसन्तान जोड़ियों की गोद में सन्तान सुख का वरदान देते हुए उनके घरों में खुशियों की किलकारियों से भर देते हैं।
कार्तिकेय स्वामी मन्दिर समिति के कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि 14 नवम्बर को बैकुण्ठ चतुर्दशी के पावन पर्व पर स्थानीय विद्वान पंडितों द्वारा कार्तिक स्वामी मंदिर में हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी भव्य धार्मिक अनुष्ठान
का आयोजन किया जा रहा है, समिति द्वारा सभी तैयारियां जोरों पर की जा रही हैं, जबकि चार पहर की पूजा अर्चना के दौरान विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जायेगा।