
सांप और जहरीले कीड़ों का डर आमतौर पर हर किसी को होता है। खासतौर पर जब ये घर में दिख जाएं, तो लोग घबरा जाते हैं। लेकिन सांप को मारना ही इसका समाधान नहीं है। सांप पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनकी हत्या पाप मानी जाती है। ऐसे में सांप और जहरीले कीड़ों से बचने के लिए प्राकृतिक उपाय सबसे बेहतर हैं।
देवदार की लकड़ी का उपयोग
देवदार की लकड़ी एक प्राचीन और प्रभावी उपाय है, जो सांप और कीट-पतंगों को दूर रखने में मदद करता है। यह लकड़ी अपनी खास महक के लिए जानी जाती है, जिसे सांप सहन नहीं कर पाते और दूर भाग जाते हैं।
देवदार की लकड़ी की विशेषताएं
- सांप और कीड़ों को दूर रखती है:
देवदार की सूखी लकड़ी से निकलने वाली महक सांप और जहरीले कीड़ों को दूर भगाने में मदद करती है। - टिकाऊ और मजबूत:
यह लकड़ी न केवल प्रभावी है बल्कि बेहद टिकाऊ और मजबूत भी होती है। - दीमक रोधी:
देवदार की लकड़ी में दीमक नहीं लगता, इसलिए इसे पुराने समय में दरवाजे और खिड़कियां बनाने में इस्तेमाल किया जाता था।
देवदार की लकड़ी का उपयोग कैसे करें?
- लकड़ी का आकार:
एक हाथ लंबी सूखी देवदार की लकड़ी का टुकड़ा लें। - स्थान:
लकड़ी को दरवाजे के पीछे, रैक में, या बेड के नीचे रखें। - महक की स्थायित्व:
सूखी लकड़ी में 10 साल तक महक बनी रहती है, जो सांप और कीटों को दूर रखने में सहायक है।
देवदार के पेड़ कहां पाए जाते हैं?
देवदार के पेड़ मुख्य रूप से उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उगते हैं। यह कुमाऊं के बागेश्वर, अल्मोड़ा, चमोली, पिथौरागढ़, और चंपावत में आसानी से मिलते हैं।
देवदार की लकड़ी सांप और जहरीले कीड़ों को दूर रखने का एक प्राकृतिक, सस्ता, और प्रभावी उपाय है। इसे अपने घर में रखकर आप न केवल सांपों से सुरक्षित रह सकते हैं, बल्कि अपने घर को कीट-पतंगों से भी बचा सकते हैं। इस पारंपरिक उपाय को अपनाकर आप आधुनिक रसायनों के उपयोग से बच सकते
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