
Katrina Kaif
Katrina Kaif : नई दिल्ली/माले: साल 2024 में भारत और मालदीव के रिश्तों में आई तल्खी के बाद अब दोनों देशों के बीच फिर से रिश्ते सामान्य करने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। इसी कड़ी में मालदीव सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए बॉलीवुड अभिनेत्री कटरीना कैफ को अपने देश का ग्लोबल टूरिज्म ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कुछ महीनों पहले ही सोशल मीडिया पर “बॉयकॉट मालदीव” का ट्रेंड छाया हुआ था और भारतीय पर्यटकों ने बड़ी संख्या में मालदीव जाना बंद कर दिया था।
Katrina Kaif : क्या हुआ था 2024 में?
साल 2024 की शुरुआत में मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के साथ ही भारत विरोधी माहौल बनना शुरू हो गया था। मालदीव के कुछ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिसके बाद भारतीय नागरिकों ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी और #BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा। इसके चलते भारत से मालदीव जाने वाले टूरिस्ट की संख्या में भारी गिरावट आई, जिससे मालदीव के टूरिज्म सेक्टर पर बुरा असर पड़ा।
Katrina Kaif : कटरीना कैफ को ब्रांड एंबेसडर क्यों बनाया गया?
अब जब कटरीना कैफ को मालदीव का टूरिज्म ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है, तो यह स्पष्ट संकेत है कि मालदीव सरकार भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारना चाहती है। कटरीना कैफ की लोकप्रियता भारत समेत दुनियाभर में है, और उन्हें इस पद पर नियुक्त कर मालदीव एक तरह से भारतीय पर्यटकों को फिर से आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। यह एक रणनीतिक निर्णय है, जिसका उद्देश्य टूरिज्म सेक्टर को पुनर्जीवित करना और भारत को यह संदेश देना है कि अब मालदीव की सरकार भारत विरोधी रुख छोड़ रही है।
Katrina Kaif : सोशल मीडिया पर फिर छिड़ी बहस
जब कटरीना कैफ मालदीव पहुंचीं और उनकी तस्वीरें वायरल हुईं, तो सोशल मीडिया पर फिर से “बॉयकॉट मालदीव” को लेकर बहस शुरू हो गई। कुछ लोगों ने कटरीना के इस कदम को “मालदीव के जाल में फंसना” कहा, जबकि कई लोगों ने इसे एक कूटनीतिक पहल माना, जो दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत का संकेत हो सकती है।
Katrina Kaif : भारत-मालदीव रिश्तों में नई गर्माहट
हाल ही में भारत और मालदीव के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित मालदीव यात्रा इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम हो रहा है। मालदीव को भी यह समझ में आ गया है कि भारत के साथ टकराव उसके आर्थिक हितों के खिलाफ है और भारत से दोस्ती बनाए रखना ही उसके लिए बेहतर है।