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रायपुर। JCCJ का कांग्रेस में जोग : JCCJ के सुप्रीमों अजीत जोगी के रहते कभी इसके बसपा में विलय की भी खबरें आई थीं। बाद में उनका खंडन – मुंडन किया गया। अब खबर आ रही है कि JCCJ का कांग्रेस के संग जोग होने जा रहा है। अब इस जोग का संयोग कब बनेगा ? इसे लेकर फ़िलहाल कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में लोग ये जानना चाहते हैं कि असल में ये विलय या फिर बकवास इन दोनों में से क्या है ?
JCCJ का कांग्रेस में जोग : सबसे बड़े जनाधार वाले नेता थे जोगी
कभी अखिल भारतीय कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता माने जाते थे अजीत जोगी। छत्तीसगढ़ में उनका सबसे बड़ा जनाधार हुआ करता था। उन्होंने कांग्रेस पार्टी क्यों छोड़ी ये बात भी सब को पता है। एक बार कांग्रेस छोड़ी तो ताउम्र वे कांग्रेस में लौट कर नहीं आये। उन्होंने अपनी एक अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी बनाई। उनके निधन के बाद JCCJ के सिपहसालारों ने ही पार्टी से किनारा करना शुरू कर दिया। उसके बाद जो पतन शुरू हुआ आज आलम ये है कि अमित जोगी की मां यानि डॉ रेणु जोगी कांग्रेस में शामिल होने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं।
कांग्रेस में विलय के लिए लिखी बैज को पाती
रेणु जोगी ने इसके लिए पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर पार्टी में शामिल होने और जेसीसीजे के विलय की इच्छा जताई है।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बनाई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) का कांग्रेस में विलय हो सकता है। पार्टी की सुप्रीमो रेणु जोगी ने इसके लिए पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर पार्टी में शामिल होने और जेसीसीजे के विलय की इच्छा जताई है। इसके बाद 18 दिसंबर को रेणु जोगी ने दीपक बैज को कांग्रेस में शामिल होने के लिए पत्र लिखा है।
रेणु जोगी के इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि जेसीसीजे, कांग्रेस विचारधारा की पार्टी है और कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है कि जेसीसीजे का अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विलय कर दिया जाए। पत्र में रेणु जोगी के अलावा अमित जोगी के भी हस्ताक्षर हैं।
कब अजीत और अमित जोगी ने छोड़ी थी कांग्रेस
दरअसल साल 2014 में हुए बस्तर के अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को चुनाव मैदान से हटाने के लिए कथित सौदेबाजी का एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था। इसमें अजीत और अमित जोगी के शामिल होने के आरोप लगे थे।
इसके बाद साल 2016 में कांग्रेसने अमित जोगी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया जबकि अजीत जोगी को नोटिस दिया गया था। इसके बाद अजीत और अमित जोगी ने नई पार्टी बनाने की कवायद शुरू कर दी।
बेटे अमित जोगी के कांग्रेस से निष्कासन और खुद को नोटिस दिए जाने के बाद अजीत जोगी ने नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बनाई (फाइल फोटो)अजीत जोगी ने बनाई थी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) पार्टी।
21 जून 2016 को छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ नाम से खुद की पार्टी बनाने का ऐलान किया था। जोगी की लोकप्रियता की वजह से ये माना जा रहा था कि प्रदेश में सरकार बनाने में जोगी कांग्रेस की निर्णायक भूमिका होगी।
पार्टी बनने के बाद भी रेणु जोगी काफी समय तक कांग्रेस में रहीं लेकिन 2018 के चुनाव में उन्होंने कोटा विधानसभा से जेसीसीजे से ही चुनाव लड़ा।
मायावती की बसपा से किया था गठबंधन
2018 के विधानसभा चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन में जोगी ने 5 और बसपा ने 2 सीटें जीती थी। (फाइल फोटो)
इस चुनाव में उनकी पार्टी ने बसपा के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उनकी परंपरागत सीट मरवाही और कोटा से उनकी पत्नी रेणु जोगी के अलावा पार्टी के 3 और उम्मीदवार ही जीत पाए। उनकी बहु ऋचा जोगी भी चुनाव हार गईं। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जोगी कांग्रेस का फिर से कांग्रेस में विलय हो सकता है लेकिन अजीत जोगी के जीवित रहते तक ये केवल कयास ही बने रहे।
अजीत जोगी के निधन से बिगाड़ा सारा संयोग
29 मई 2020 को अजीत जोगी का निधन होने के बाद पार्टी के कई नेताओं ने किनारा करना शुरू कर दिया पार्टी लगभग हाशिए पर आ गई। सीनियर लीडर्स के प्रति अमित जोगी का व्यवहार अच्छा नहीं होने की बात कहते हुए धर्मजीत सिंह ने पार्टी छोड़ी और 2023 के चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए। इसके अलावा बचे पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी लगातार टूटते गए।
जोगी के निधन से पहले भी उनकी पार्टी के कांग्रेस में विलय होने की खबरें आती थी लेकिन खुलकर कभी कोई पत्र सार्वजनिक नहीं किया गया।
2023 में राज्य की सभी सीटों पर प्रत्याशी नहीं खड़ा कर पाई JCCJ
साल 2023 के चुनाव में पार्टी की स्थिति इतनी खराब हो गई कि सभी 90 सीटों में जेसीसीजे अपना उम्मीदवार तक खड़ा नहीं कर पाई। पार्टी के अध्यक्ष अमित जोगी पाटन से भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ने गए लेकिन अमित को महज 4822 वोट ही मिले। चरणदास महंत से मिलकर रेणु और अमित जोगी ने दक्षिण उपचुनाव में समर्थन देने का ऐलान किया था।
चरणदास महंत से कब हुई थी मुलाकात
रायपुर दक्षिण के उपचुनाव से पहले अमित और रेणु जोगी ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान कांग्रेस वापसी की भी चर्चा हुई थी। जेसीसीजे ने दक्षिण उपचुनाव में कांग्रेस को निशर्त समर्थन देने का ऐलान किया था। हालांकि इस समर्थन का कोई फायदा कांग्रेस को नहीं मिला।
कांग्रेस के बागियों ने भी लगाया अप्रोच
कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले भी पार्टी में वापसी चाहते हैं। हार के बाद ऐसे नेताओं की पार्टी में वापसी की कोशिशें लगातार जारी है। इसके लिए कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं तक अप्रोच लगा चुके हैं। कमेटी बनाए जाने से उनकी वापसी का रास्ता खुल सकता है।
पार्टी ने जिन नेताओं को निष्कासित किया था, उन्होंने पार्टी में फिर से शामिल होने का आवेदन संगठन को दिया है। इसमें कई नेताओं ने लिखित माफी भी मांगी है। हार के बाद कई नेता पार्टी में शामिल होने के लिए अप्रोच लगा रहे थे।
अब ये आवेदन कमेटी के पास जाएंगे और फिर कमेटी आवेदनों की जांच कर अपनी टिप्पणी देंगे। फिर ये रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी के पास जाएगी और पार्टी में वापसी का फैसला लिया जाएगा।
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