
Jagadguru Rambhadracharya
Jagadguru Rambhadracharya: चित्रकूट: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का तुलसी पीठ आश्रम में हुआ दौरा एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण में तब बदल गया, जब उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य से राम मंत्र की दीक्षा ली और दीक्षा के बाद जो दक्षिणा मांगी गई, उसने सबका ध्यान खींच लिया। जगद्गुरु ने मुस्कराते हुए जनरल से कहा “दक्षिणा में मुझे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) चाहिए।”
Jagadguru Rambhadracharya: यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि आध्यात्मिकता और राष्ट्रभक्ति के दुर्लभ संगम का दृश्य था। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बताया कि उन्होंने सेना प्रमुख को वही शक्तिशाली राम मंत्र प्रदान किया, जिसे माता सीता ने भगवान हनुमान को दिया था और जिसकी शक्ति से हनुमान ने लंका पर विजय प्राप्त की थी।
Jagadguru Rambhadracharya: संत की राष्ट्रवादी चेतावनी: आतंकी हरकतें बर्दाश्त नहीं
जगद्गुरु ने दो टूक शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा “यदि भविष्य में पाकिस्तान किसी आतंकी गतिविधि की कोशिश करता है तो उसका समूल नाश कर दिया जाएगा।” यह संवाद प्रतीकात्मक होने के बावजूद एक गहरी राष्ट्रीय चेतना को प्रकट करता है एक ओर जहां आध्यात्मिक शक्ति का आह्वान था, वहीं दूसरी ओर भारत की भू-आकांक्षा और दृढ़ सैन्य नीति का स्पष्ट संकेत।
Jagadguru Rambhadracharya: दीक्षा से आगे: गुरु-शिष्य संबंध का नया आयाम
जनरल द्विवेदी और जगद्गुरु रामभद्राचार्य का यह मिलन अब केवल एक पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान नहीं रह गया है। यह गुरु-शिष्य परंपरा और राष्ट्रसेवा के उच्चतम मूल्यों का प्रतीक बन गया है। जनरल द्विवेदी ने इस अवसर पर जगद्गुरु को एक स्मृति चिह्न भी भेंट किया और उन्हें भारत की आध्यात्मिक शक्ति, सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया।