
Israel Iran War
Israel Iran War: वॉशिंगटन/तेहरान/तेल अवीव। अमेरिका ने रविवार सुबह ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर B-2 बॉम्बर से हमला किया। ये ठिकाने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक हमला करने से पहले B-2 बॉम्बर विमानों ने अमेरिका के मिसौरी से लगभग 37 घंटे तक बिना रुके उड़ान भरी और बीच हवा में कई बार फ्यूल भरा था।
Israel Iran War: पहली बार हुआ GBU-57 बंकर बस्टर बम का इस्तेमाल
B-2 बॉम्बर ने फोर्डो साइट पर 30 हजार पाउंड वजन के 6 GBU-57 बम (बंकर बस्टर) गिराए। साथ ही नतांज पर दो बम गिराए। वहीं, इस्फहान और नतांज पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागी हैं। इन्हें 400 मील दूर अमेरिकी पनडुब्बियों से लॉन्च किया गया था। यह पहला मौका है जब अमेरिका ने GBU-57 जैसे बंकर बस्टर बम का किसी युद्ध में इस्तेमाल किया है।
Israel Iran War: बी-2 बॉम्बर में हवा में फ्यूल भरने की क्षमता
1.बी-2 बॉम्बर (B-2 Spirit Stealth Bomber) में हवा में फ्यूल भरने के प्रोसेस को एयर-टू-एयर रीफ्यूलिंग या इन-फ्लाइट रीफ्यूलिंग कहा जाता है। यह तकनीक लंबी दूरी के विमानों को बिना उतरे हजारों मील तक उड़ान भरने की क्षमता देती है।
2.बी-2 को हवा में ईंधन भरने के लिए एक रीफ्यूलिंग टैंकर विमान की जरूरत होती है, जैसे कि KC-135 स्ट्राटोटैंकर या KC-46 पेगासस।
3.टैंकर विमान के पीछे एक टेलीस्कोपिक ट्यूब होती है, जिसे बूम कहा जाता है। इस ट्यूब एक ऑपरेटर कंट्रोल करता है, ये टैंकर के पिछले हिस्से में बूम को बी-2 के ईंधन रिसेप्टेकल में जोड़ता है।
4.बूम के अंत में एक नोजल होता है, जो बी-2 के रिसेप्टेकल में लॉक हो जाता है, और फिर फ्यूल भरा जाता है (लगभग 2 हजार लीटर प्रति मिनट)।
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