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इंदौर में नगर निगम की टीम पर बुधवार को भीड़ ने हमला कर दिया। घटना के दौरान नगर निगम के उपायुक्त लता अग्रवाल ने चंदन नगर थाने से पुलिस बल की मांग की, लेकिन उन्हें निराशाजनक जवाब मिला। पुलिस अधिकारी ने कहा, “अगर भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया तो क्या करेंगे?” यह घटना पुलिस की निष्क्रियता और नगर निगम की असहायता को उजागर करती है।
घटना का पूरा विवरण
नगर निगम की टीम एक सरकारी गोशाला के लिए 60 से अधिक गायों को छुड़ाने गई थी। इस दौरान, हंगामा कर रही भीड़ ने 40 गायों को छुड़ा लिया और निगमकर्मियों पर हमला कर दिया। घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे, और निगम अधिकारियों को अपने उच्चाधिकारियों से मदद मांगनी पड़ी।बजरंग दल का बयान
घटना में बजरंग दल की मौजूदगी पर सवाल उठे, जिसे संगठन ने नकारा नहीं। बजरंग दल के विभाग संयोजक यश बच्छानी ने कहा कि दो गायों के मरने की अफवाह ने आक्रोश पैदा किया। उनका आरोप था कि निगमकर्मी गायों को गाड़ियों में ठूंसकर भर रहे थे, जिससे लोगों का गुस्सा भड़क गया।जमीन विवाद और राजनीति का एंगल
बजरंग दल ने दावा किया कि यह पूरी घटना जमीन विवाद से जुड़ी है। उनका कहना था कि कुछ नेता गोशाला को निशाना बनाकर अपने हित साध रहे हैं।पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
हमले के दौरान पुलिसकर्मियों की निष्क्रियता ने उनकी भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब निगम अधिकारियों ने थाने से मदद मांगी, तो पुलिस अधिकारी का बयान “अगर थाने पर हमला हो गया तो?” इस घटना को और भी गंभीर बना देता है।प्रकरण दर्ज कराने में भी संघर्ष
निगम अधिकारियों को हमले की शिकायत दर्ज कराने में भी संघर्ष करना पड़ा। वे अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे।गायों को सुरक्षित भेजा गया
हमले के बाद पुलिस सुरक्षा में कुछ गायों को शासकीय गोशाला भेजा गया। हालांकि, हंगामा करने वालों ने बड़ी संख्या में गायों को छुड़ा लिया।निगम और बजरंग दल में टकराव
बजरंग दल ने निगम के रिमूवल अधिकारी बबलू कल्याणे और उपायुक्त लता अग्रवाल पर अभद्रता के आरोप लगाए। उनका कहना था कि निगम ने खुद ही माहौल को उपद्रव का रंग दिया।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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