
Indian Scientists : आख़िर ये क्या बना दिया भारतीय वैज्ञानिकों ने : सूरज से भी 20 गुना ज्यादा गर्म....जरूर जानें
एशियन न्यूज़ स्पेशल डेस्क। Indian Scientists : आख़िर ये क्या बना दिया भारतीय वैज्ञानिकों ने : भारतीय वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। जो पूरी दुनिया के वैज्ञानिक आज तक नहीं कर पाए थे, वो काम हमारे परमाणु वैज्ञानिकों ने कर दिखाया है।
Indian Scientists : हमारे देश के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रिएक्टर बनाया है जिसके अंदर का तापमान 200 मिलियन डिग्री सेंटीग्रेड है। जो सूर्य के कोर के तापमान का 20 गुना है। इससे आप उससे निकलने वाली ऊर्जा का अंदाज़ा बखूबी लगा सकते हैं। इसे पहला सुपर कंडक्टिंग टोकामैक न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर कहा जाता है।
आख़िर ये क्या बना दिया भारतीय वैज्ञानिकों ने : कहां पैदा कर डाली इतनी ऊर्जा
दरअसल भारत ने अपना पहला सुपर कंडक्टिंग टोकामैक न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर सफलतापूर्वक डेवलप कर लिया है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस आर्टिफिशियल सन में 200 मिलियन डिग्री सेल्सियस का तापमान अचीव किया गया है।
जो सूरज के तापमान से 20 गुना ज्यादा है। भारत के वैज्ञानिकों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है जो भारत को दुनिया के सबसे एडवांस देश की लिस्ट में शामिल कर देती है।
क्या है न्यूक्लियर फ्यूजन टेक्नोलॉजी ?
न्यूक्लियर फ्यूजन टेक्नोलॉजी क्या है और भारत के लिए इसका महत्व क्या है ? चलिए जानते हैं विस्तार से – न्यूक्लियर एनर्जी दो तरीकों से प्राप्त की जाती है। पहले न्यूक्लियर फिजन दूसरा न्यूक्लियर फ्यूजन, न्यूक्लियर फिजन में भारी एटम जैसे यूरेनियम को तोड़कर ऊर्जा उत्पन्न की जाती है।
न्यूक्लियर फ्यूजन में हल्के आइटम जैसे हाइड्रोजन को जोड़कर ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। सूरज और बाकी सारे सितारे न्यूक्लियर फ्यूजन के जरिए ही उर्जा उत्पन्न करते हैं। इसलिए जो भी देश न्यूक्लियर फ्यूजन पर महारत हासिल कर लेगा वह असीमित और स्वक्ष ऊर्जा के मामले में दुनिया का सुपर पावर बन जाएगा।
क्या है भारत का एसएसटी 1 टोकामैक
भारत का इंस्टीट्यूट फॉर प्लाजमा रिसर्च इस क्षेत्र में सालों से काम कर रहा है और भारत में दुनिया का सबसे शक्तिशाली न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर विकसित कर लिया है। इसका नाम एसएसटी 1 टोकामैक है भारत ने इसमें 200 मिलियन डिग्री सेल्सियस का तापमान अचीव किया है
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जो की दुनिया का सबसे ज्यादा दर्ज किया गया तापमान है। इससे पहले दुनिया के कुछ गिने चुने देश ही ऐसे फ्यूजन रिएक्टर बना चुके हैं। चीन जिसने ईस्ट टोका मैक जिसमें 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस, दक्षिण कोरिया के स्टार 100 मिलियन डिग्री, यूके जेट फ्यूजन रिएक्टर 150 मिलियन
डिग्री और अमेरिका और रूस अलग-अलग प्रयोग में 100 मिलियन डिग्री के आसपास तापमान अचीव कर चुके हैं। लेकिन भारत ने इन सभी देशों को पीछे छोडते हुए 200 मिलियन डिग्री सेल्सियस तापमान प्राप्त कर लिया है।
क्या होता है टोकामैक रिएक्टर ?
टोकामैक रिएक्टर एक डोनट शॉप मशीन होती है जिसमें मैग्नेटिक फील्ड के जरिए प्लाज्मा को कंट्रोल किया जाता है यह प्लाज्मा की न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर को संभव बनाता है और विशाल मात्रा में उर्जा उत्पन्न करता है।
भारत का यह एसएसटी 1 टोकामैक सुपरकंडक्टिव टेक्नोलॉजी से लैस है। जो इसे ज्यादा देरतक स्टेबल रखता है और ऊर्जा उत्पादन को ज्यादा प्रभावी बनाता है। इस सफलता के बाद भारत अब एक और बड़े प्रोजेक्ट में हिस्सा ले रहा इंटरनेशनल थर्मामीटर एक्सपेरिमेंट रिएक्टर यानी
आईटीआर यह दुनिया का सबसे बड़ा न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर है। जिसमें भारत यूरोप अमेरिका रूस चीन जापान और दक्षिण कोरिया मिलकर काम कर रहे। अगर यह सफल रहा तो मानव के लिए असीमित ऊर्जा का एक नया युग शुरू हो जाएगा यह सफलता भारत के लिए गर्व की बात है।
भारत ने साबित कर दिया भारत सिर्फ टेक्नोलॉजी फॉलोअर नहीं बल्कि एक लीडर भी है, आने वाले वक्त में भारत की फ्यूजन एनर्जी टेक्नोलॉजी दुनिया की दिशा बदल सकती है।
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