
India-US Trade
India-US Trade: नई दिल्ली: चीन और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध के बीच भारत के लिए राहत की खबर आई है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश व्यापारिक चर्चाओं में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि टैरिफ में बढ़ोतरी किसी एक देश को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार में अनुचित व्यवहार करने वालों के खिलाफ उठाया गया कदम है। बेसेंट ने कहा, “चीन आधुनिक युग की सबसे असंतुलित अर्थव्यवस्था है और अमेरिकी व्यापार घाटे का मुख्य स्रोत है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस चुनौती का डटकर मुकाबला किया है।”
India-US Trade: उन्होंने आगे बताया कि अमेरिका अब भारत जैसे विश्वसनीय व्यापारिक साझेदारों के साथ मिलकर समाधान तलाश रहा है। बेसेंट के मुताबिक, टैरिफ वृद्धि का उद्देश्य “गलत तत्वों” को सबक सिखाना है, जबकि भारत जैसे मित्र देशों के साथ रचनात्मक बातचीत जारी है। ट्रंप की रणनीति के तहत 75 से ज्यादा देश व्यापार वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार हैं। इन देशों के लिए 10 प्रतिशत आधारभूत टैरिफ में कमी की योजना है, वहीं चीन पर शुल्क को 125 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
India-US Trade: इसके साथ ही, 90 दिनों की विशेष वार्ता अवधि निर्धारित की गई है, जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप खुद हिस्सा लेंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, “टैरिफ लागू होने के बाद कुछ लोग सोच रहे थे कि दुनिया चीन की ओर जाएगी, लेकिन हुआ इसका उल्टा। सभी देश अमेरिकी बाजारों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।” उन्होंने ट्रंप की दूरदर्शी नीति की तारीफ करते हुए कहा कि यह अमेरिकी श्रमिकों के लिए लाभकारी है। भारत के लिए यह मौका व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाने और अमेरिका के साथ संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का सुनहरा अवसर है।
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