India-Oman Trade: नई दिल्ली। भारत और ओमान के बीच आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाई देते हुए दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। गुरुवार, 18 दिसंबर को हुए इस समझौते के साथ भारत–ओमान के व्यापारिक रिश्तों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। खास बात यह है कि यह 2006 में अमेरिका के बाद ओमान का किसी देश के साथ पहला द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता है, जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए अरब देशों के बाजारों में बड़ी संभावनाएं खुल गई हैं।
India-Oman Trade: वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है। ओमान में करीब 7 लाख भारतीय नागरिक निवास करते हैं, जो हर साल लगभग 2 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा भारत भेजते हैं। नया व्यापार समझौता इन मजबूत सामाजिक और आर्थिक रिश्तों को और सुदृढ़ करेगा।
India-Oman Trade: समझौते के तहत ओमान ने भारत के 99.38 प्रतिशत निर्यात के लिए अपने बाजार खोल दिए हैं। ओमान की 98.08 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर जीरो ड्यूटी की पेशकश की गई है, जिनमें से लगभग सभी पर शुल्क तत्काल प्रभाव से समाप्त हो जाएगा। इससे रत्न एवं आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल सामग्री, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मा और ऑटोमोबाइल जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा।
India-Oman Trade: पहली बार किसी मुक्त व्यापार समझौते में पारंपरिक चिकित्सा और आयुष को व्यापक मान्यता दी गई है। इससे भारत के आयुष, योग और वेलनेस सेक्टर को वैश्विक पहचान और नए बाजार मिलेंगे। वहीं, फार्मा सेक्टर को भी बड़ी राहत मिली है, क्योंकि यूएसएफडीए, ईएमए और यूकेएमएचआरए जैसी वैश्विक संस्थाओं से मान्यता प्राप्त भारतीय दवाओं को ओमान में तेजी से मार्केटिंग की अनुमति मिल सकेगी।
India-Oman Trade: सेवाओं के क्षेत्र में भी यह समझौता बेहद अहम माना जा रहा है। ओमान का सेवाओं का आयात लगभग 12.52 अरब डॉलर का है, जिसमें भारत की हिस्सेदारी अभी कम है। अब पेशेवर आवाजाही को लेकर बड़ी रियायतें दी गई हैं। इंट्रा-कॉरपोरेट ट्रांसफर का कोटा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। टेंडर आधारित सेवाओं की अवधि 90 दिनों से बढ़ाकर दो साल कर दी गई है, जिसे आगे और बढ़ाया जा सकेगा।
India-Oman Trade: इसके अलावा आईटी, बिजनेस सर्विसेज, शिक्षा, स्वास्थ्य और ऑडियो-विजुअल जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के लिए 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का रास्ता साफ हो गया है। इससे ओमान में भारतीय निवेश और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे।
India-Oman Trade: घरेलू उद्योगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत ने डेयरी, चाय, कॉफी, रबर, तंबाकू, सोना-चांदी की ईंटों और स्क्रैप धातु जैसे संवेदनशील उत्पादों को शुल्क रियायतों से बाहर रखा है। वहीं, ओमान के कुछ उत्पादों के लिए टैरिफ रेट कोटा (TRQ) के जरिए संतुलन बनाए रखा गया है।
India-Oman Trade: विशेषज्ञों के अनुसार, ओमान मध्य पूर्व और अफ्रीका के बाजारों के लिए भारत का अहम प्रवेश द्वार है। वर्तमान में वहां 6,000 से अधिक भारतीय कंपनियां सक्रिय हैं। ब्रिटेन के बाद पिछले छह महीनों में यह भारत का दूसरा बड़ा व्यापार समझौता है, जो भारत की आक्रामक वैश्विक व्यापार रणनीति को दर्शाता है। आने वाले समय में सामाजिक सुरक्षा समन्वय जैसे विषयों पर भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ने की उम्मीद है।
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