
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की नक्सल मुक्त बस्तर की गारंटी के तहत सुरक्षाबलों ने एक और महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल की है। सुकमा जिले में नक्सली कमांडर हिड़मा के गाँव के आगे गोल्लाकुंडा में नया सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया है। इस कैंप की स्थापना से सुकमा और बीजापुर के पामेड़ क्षेत्र अब सीधे तौर पर जुड़ जाएंगे, जिससे क्षेत्र में नक्सल प्रभाव को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। इस ऑपरेशन में सुकमा एसपी किरण चव्हाण, सीआरपीएफ़ डीआईजी आनंद सिंह, और सीआरपीएफ़ 165 बटालियन के कमांडेंट राकेश यादव ने अहम भूमिका निभाई। अमित शाह के आगामी बस्तर दौरे से पहले सुरक्षाबलों ने नक्सल प्रभावित इलाके में नियंत्रण स्थापित कर यह साबित कर दिया है कि बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में उनकी रणनीति मजबूत है।
गोल्लाकुंडा कैंप सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लंबे समय से नक्सलियों के गढ़ के रूप में पहचाने जाने वाले इस क्षेत्र में कैंप स्थापित होने से सुकमा और बीजापुर के बीच सुरक्षा और संचार का सीधा जुड़ाव होगा। यह नक्सलियों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के साथ-साथ स्थानीय जनता के बीच सुरक्षा और विश्वास को मजबूत करेगा। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई से नक्सल मुक्त बस्तर के मिशन को एक नई मजबूती मिली है और अमित शाह की गारंटी को धरातल पर उतारने का प्रयास तेज हुआ है।