
Hyperloop Tube: IIT मद्रास ने बनाया एशिया का सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब, अश्विनी वैष्णव ने शेयर किया वीडियो...
मद्रास: Hyperloop Tube: भारत का परिवहन अब सिर्फ सड़क, रेल, हवाई और जल मार्गों तक ही सीमित नहीं रहा। देश में वंदे भारत जैसी विश्व स्तरीय सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें, नमो भारत जैसी रैपिड ट्रेने और मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन जैसी सुविधाएं तेजी से विकसित हो रही हैं। अब भारत में हाइपरलूप टेक्नोलॉजी का परीक्षण भी किया जा रहा है, जो आने वाले समय में परिवहन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
Hyperloop Tube: आईआईटी मद्रास में हाइपरलूप टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में आईआईटी मद्रास में स्थित हाइपरलूप टेस्टिंग फैसिलिटी का दौरा किया। उन्होंने बताया कि यहां स्थित 410 मीटर लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब एशिया का सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्टिंग फैसिलिटी है, और यह जल्द ही दुनिया का सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब बन जाएगा। यह तकनीक उच्च गति वाले परिवहन के लिए एक नया मानक स्थापित कर सकती है। हाइपरलूप एक हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट सिस्टम है, जिसमें पॉड्स को वैक्यूम-सील ट्यूब के अंदर 1000 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चलाया जा सकता है।
Hyperloop Tube: स्वदेशी तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में हाइपरलूप के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स विकसित करने की योजना का भी खुलासा किया। इस योजना में स्वदेशी तकनीक के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने आईआईटी मद्रास में हाइपरलूप के लाइव डेमो का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर किया, जिससे फैंस और विशेषज्ञों को इस तकनीक के बारे में और जानकारी मिली।
रेल मंत्रालय ने मई 2022 में हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के स्वदेशी विकास के लिए आईआईटी मद्रास को 8.34 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिससे इस परियोजना में और तेजी आएगी।
Hyperloop Tube: हाइपरलूप के जरिए परिवहन में होगा क्रांतिकारी बदलाव
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट के लिए विकसित किया गया पूरा टेस्टिंग सिस्टम स्वदेशी तकनीकों पर आधारित है। उन्होंने इस परियोजना में शामिल सभी छात्रों को बधाई दी और भारत के तकनीकी विकास में उनके योगदान की सराहना की। हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के सफल होने पर यह भारत के परिवहन क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकती है, और देश को अत्याधुनिक परिवहन सुविधाओं से लैस कर सकती है।