Hong Kong fire
Hong Kong fire: नई दिल्ली: हांगकांग के ताई पो जिले स्थित वांग फुक कोर्ट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में लगी भीषण आग ने तबाही मचा दी है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक अपडेट के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़कर 128 हो गई है। तलाशी अभियान के दौरान लगातार शव मिलने से आशंका है कि यह संख्या और बढ़ सकती है। घटना को हांगकांग के पिछले 80 वर्षों के सबसे भयावह अग्निकांडों में से एक बताया जा रहा है।
Hong Kong fire: बुधवार दोपहर आठ में से सात ऊंची इमारतें आग की चपेट में आ गईं। ये सभी इमारतें पुनर्निर्माण कार्य के दौरान बांस की मचान और प्लास्टिक जाल से ढकी हुई थीं, जिससे आग तेजी से फैलकर पूरे परिसर तक पहुंच गई। करीब 1,000 से अधिक अग्निशमन कर्मियों ने 24 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन दो दिन बाद भी कई इमारतों से धुआं उठता देखा गया।

Hong Kong fire: जांच में तेजी, तीन लोग गिरफ्तार
हांगकांग पुलिस ने आग की भयावहता को गंभीर लापरवाही का परिणाम मानते हुए एक निर्माण कंपनी के दो निदेशकों और एक इंजीनियरिंग कंसल्टेंट को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इमारतों की खिड़कियों को ब्लॉक करने के लिए ज्वलनशील फोम बोर्ड का इस्तेमाल किया गया था, जिससे आग और तेज फैली।
Hong Kong fire: सैकड़ों लोग अब भी लापता
अधिकारियों के मुताबिक, घटना के बाद अभी भी 279 लोग लापता बताए जा रहे हैं। फायर विभाग द्वारा मदद की गई 25 कॉल्स का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। करीब 4,600 से अधिक निवासी इस विशाल कॉम्प्लेक्स में रहते थे, जिनमें से कई अभी भी सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।
Hong Kong fire: सुरक्षा मानकों की होगी समीक्षा
घटना के बाद हांगकांग प्रशासन ने घोषणा की है कि शहर के अन्य हाउसिंग एस्टेट्स में चल रहे निर्माण और मचान संबंधी कार्यों की तत्काल जांच की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। यह अग्निकांड साल 1996 और 1948 की घटनाओं के बाद अब तक की सबसे बड़ी त्रासदियों में शामिल हो गया है।
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