
Hanuman Jayanti 2025
नई दिल्ली : Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती एक महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है, जो भगवान हनुमान के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा-अर्चना का होता है, जिससे जीवन की समस्याएं दूर होती हैं, घर में सुख-समृद्धि आती है, और मानसिक-शारीरिक बल की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा विधियों का पालन किया जाता है।
Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती 2025 कब है
पंचांग के अनुसार, हनुमान जयंती 2025 का आयोजन 12 अप्रैल को होगा। यह दिन चैत्र पूर्णिमा तिथि के रूप में मनाया जाएगा, जो तड़के 3:20 बजे से शुरू होकर 13 अप्रैल को सुबह 5:52 बजे तक समाप्त होगा। इस प्रकार, 12 अप्रैल को ही हनुमान जन्मोत्सव मनाने का शुभ अवसर है।
Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती पूजा विधि
हनुमान जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना शुभ माना जाता है। इस दिन लाल या नारंगी रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा के स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर लें और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। साथ ही भगवान राम और माता सीता की तस्वीरें भी रखें। पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल, माला, जनेऊ, कलश, धूप, दीप, कपूर, नारियल, गुड़, चना, बेसन के लड्डू या बूंदी के लड्डू, केला, सूखे मेवे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण), गंगाजल और तुलसी के पत्ते शामिल हैं।
पूजा विधि की शुरुआत गंगाजल, अक्षत और फूल लेकर संकल्प करने से करें। इसके बाद भगवान राम और माता सीता की पूजा करें और उन्हें फूल और नैवेद्य अर्पित करें। फिर हनुमान जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। हनुमान जी को नए वस्त्र और जनेऊ पहनाएं और उन्हें लाल रंग के फूल और माला अर्पित करें। गुड़-चना, बेसन के लड्डू, केला, सूखे मेवे और पंचामृत का भोग अर्पित करें और धूप व दीपक जलाएं। इसके बाद हनुमान जी की आरती करें और हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। पूजा में किसी प्रकार की भूल-चूक होने पर क्षमा प्रार्थना अवश्य करें।
Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती का महत्व
हनुमान जयंती का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक गहरा है। यह दिन भगवान हनुमान के जन्म का प्रतीक है और यह विश्वास है कि इस दिन हनुमान जी के दर्शन और स्मरण मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। हनुमान जी का जन्म बुराई पर अच्छाई की विजय और धर्म की स्थापना के उद्देश्य से हुआ था। उन्हें भगवान शिव का रुद्रावतार माना जाता है। हनुमान जी की अटूट भक्ति और भगवान राम के प्रति समर्पण भावना भक्तों को प्रेरित करती है। इस दिन भक्तों को हनुमान जी की भक्ति और निष्ठा से प्रेरणा लेने का अवसर मिलता है।
हनुमान जयंती का यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें जीवन में श्रद्धा, बल, और समर्पण का पाठ पढ़ाता है।