
Gujarat High Court
Gujarat High Court : अहमदाबाद : गुजरात हाईकोर्ट ने एक अनोखे और हैरान करने वाले मामले में सख्त रुख अपनाया है, जिसमें एक युवक ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान शौचालय से जुड़कर कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाई। इस घटना के बाद, कोर्ट ने युवक के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी है और सोशल मीडिया से वायरल वीडियो हटाने का आदेश भी दिया है।
Gujarat High Court : यह घटना 20 जून को हुई, जब अब्दुल समद नामक युवक एक आपराधिक मामले में एफआईआर रद्द कराने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात हाईकोर्ट से जुड़ा था। वीडियो में देखा गया कि अब्दुल समद पीली टी-शर्ट पहने शौचालय में बैठकर मोबाइल को नीचे रखकर सुनवाई में भाग ले रहा था। यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल होते ही, कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और कार्रवाई शुरू कर दी।
Gujarat High Court : गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस एएस सुपेहिया और आरटी वछानी की खंडपीठ ने इस घटना को अनुशासनहीन और अपमानजनक करार दिया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की घटनाएं अब आम हो चुकी हैं, और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कोर्ट ने आईटी विभाग को निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित तंत्र विकसित किया जाए।
Gujarat High Court : अब्दुल समद सूरत जिले के किम गांव का निवासी है, और वह एक हमले के केस में शिकायतकर्ता था। सुनवाई के दौरान, जस्टिस निरजार देसाई ने आरोपियों की याचिका को स्वीकार किया था, लेकिन अब्दुल समद का यह गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कोर्ट की नजरों में गंभीर अपराध बन गया। कोर्ट ने अब रजिस्ट्री को आदेश दिया है कि समद को नोटिस जारी कर पूछा जाए कि क्यों न उसके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जाए।
Gujarat High Court : हाईकोर्ट ने इस मामले को दो हफ्ते बाद फिर से सुनने का आदेश दिया है। यह घटना एक चेतावनी बनकर सामने आई है कि अदालत की गरिमा और अनुशासन को बनाए रखना हर व्यक्ति का कर्तव्य है, और इस तरह की घटनाएं न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती हैं।
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