
Guillain Barre Syndrome: पुणे में गुलियन बैरे सिंड्रोम के 100 से अधिक मामले, स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट जारी...
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Guillain Barre Syndrome: पुणे में गुलियन बैरे सिंड्रोम के 100 से अधिक मामले, स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट जारी...
पुणे : Guillain Barre Syndrome: महाराष्ट्र के पुणे में गुलियन बैरे सिंड्रोम (Guillain Barre Syndrome) के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें एक मरीज की मौत भी हो चुकी है। यह बीमारी संक्रामक नहीं है, बल्कि एक ऑटो इम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी गलती से अपनी ही कोशिकाओं पर हमला कर देती है। पुणे में इस बीमारी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग चिंतित है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बीमारी के कारणों में इन्फ्लूएंजा वायरस, साइटोमेगालो वायरस, एप्सटीन-बार वायरस, जीका वायरस, हेपेटाइटिस ए, बी, सी और ई, एचआईवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, और हॉजकिन लिंफोमा शामिल हैं।
पुणे में इस बीमारी के फैलने की एक और संभावना पानी से जुड़ी हुई है। विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, संक्रमित मरीजों के सैंपल में कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया पाया गया है, जो पानी में भी मौजूद होता है। यदि कोई व्यक्ति इस बैक्टीरिया से संक्रमित पानी को पीता है, तो यह उसके शरीर में फैल सकता है और उल्टी, दस्त, और डायरिया जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकता है। ऐसे मामलों में गुलियन बैरे सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है। इस संबंध में पुणे में पानी के सैंपल भी लिए जा रहे हैं, और एनआईवी में इन सैंपलों की जांच चल रही है ताकि यह पुष्टि की जा सके कि इस बीमारी के फैलने का कारण पानी तो नहीं है।
Guillain Barre Syndrome: गुलियन बैरे सिंड्रोम के लक्षणों में हाथ और पैरों में झुनझुनी, सुन्नता, बुखार, और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। कुछ मामलों में मरीज को लकवा भी हो सकता है, जो जानलेवा हो सकता है। यदि यह बीमारी बढ़ जाती है, तो मरीज को वेंटिलेटर पर डालने की आवश्यकता पड़ सकती है। इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है। कुछ मामलों में प्लाजमा थेरेपी और इम्यूनोग्लोबिन थेरेपी से इलाज संभव है।
स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए, शुरुआती लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है जैसे कि झुनझुनी, सुन्नता और मांसपेशियों की कमजोरी। संक्रमण से बचने के लिए साफ पानी पीना चाहिए, और जिन इलाकों में संक्रमण फैला हो, वहां जाने से बचना चाहिए। हाथ धोकर भोजन करना और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
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