गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 14 नवंबर से शुरू की गई थी, लेकिन धान उठाव में देरी के चलते जिले के 20 धान खरीदी केंद्रों में अब खरीदी पूरी तरह से बंद हो गई है। जगह की कमी और मंडियों में धान का ढेर लगने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
धान खरीदी बंद होने के कारण
- मंडियों में जगह की कमी: मंडियों में धान का उठाव धीमी गति से होने के कारण गोदाम पूरी तरह भर चुके हैं।
- खुले में रखा धान: कई केंद्रों में खुले आसमान के नीचे हजारों क्विंटल धान रखा गया है, जिससे मौसम खराब होने की स्थिति में भारी नुकसान का खतरा है।
- बारिश की आशंका: मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण बारिश के आसार बने हुए हैं, जिससे प्रशासन को लाखों रुपए के नुकसान का डर सता रहा है।
धान खरीदी का मौजूदा आंकड़ा
अब तक जिले के 20 धान खरीदी केंद्रों से 9 लाख क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। अतिरिक्त जगह बनाने के प्रयास भी नाकाफी साबित हुए हैं।
किसानों के लिए नई समस्या
- धान खरीदी बंद होने से किसान परेशान: मंडियों में खरीदी बंद होने के कारण किसान अपना धान बेचने के लिए मजबूर हो गए हैं।
- सहकारी समिति का बयान: छत्तीसगढ़ सहकारी समिति जिला महासंघ ने बताया कि जब तक मंडियों में धान का उठाव नहीं हो जाता, तब तक धान खरीदी बंद रहेगी।
समस्या के समाधान के लिए ज्ञापन
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति जिला महासंघ ने धान उठाव और व्यवस्था सुधार को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। समिति ने धान उठाव प्रक्रिया में तेजी लाने और मंडियों में व्यवस्था सुधार की मांग की है।
प्रमुख समस्याएं और चुनौतियां
- मंडियों में जगह की कमी के कारण खरीदी पूरी तरह से बंद।
- खुले में रखा धान मौसम की मार झेल रहा है।
- किसानों को अपनी फसल बेचने में हो रही असुविधा।
समस्या का समाधान कब?
अब देखना यह है कि धान उठाव में तेजी और मंडियों में व्यवस्था सुधार के बाद धान खरीदी सुचारू रूप से कब तक शुरू हो पाती है। प्रशासन और किसानों की इस समस्या का समाधान करना बेहद जरूरी है, ताकि फसल का नुकसान रोका जा सके और किसानों को राहत मिल सके।
यह स्थिति प्रशासन की कार्यक्षमता और धान खरीदी प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता पर सवाल खड़े करती है।
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