
सड़क सुरक्षा और दुर्घटना निवारण के लिए गडकरी का बड़ा ऐलान....!
नई दिल्ली: जहां तक रोड एक्सीडेंट के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसे लेकर मैं भी बहुत संवेदनशील हूं. पिछले दिनों जयपुर में जो हादसा हुआ, तो वहां एक टीम भेजी गई थी. वो लोग रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. जब एक्सीडेंट होता है तो उसमें एक प्रैक्टिकल दिक्कत ये सामने आई है कि जब कोई हादसा होता है तो कार या फिर कोई जो आपस में चिपक जाते हैं तो उन्हें निकालने करीब 3-4 घंटे लग जाते हैं. ऐसी स्थिति में उसमें फंसे लोगों को बचाना और मुश्किल हो जाता है.
जयपुर हादसे पर क्या बोले नितिन गडकरी?
जयपुर हादसे को लेकर ध्यान में आया है कि ड्राइवर सुबह साढ़े चार बजे से लेकर रात को 9.30 बजे तक वो गाड़ी चला रहा था. अब समस्या ये है कि यूरोप में 8 घंटे का समय पूरा होने के बाद ड्राइवर नीचे उतर जाता है और बोल देता है कि वो गाड़ी नहीं चलाएगा. एक ऐसा सुझाव आया है कि जब कोई ड्राइवर बस में बैठता है तो आधार के साथ एक कार्ड को जोड़कर एक स्वैपिंग होगा और 8 घंटे के बाद इंजन बंद हो जाएगा.
इसके बाद दूसरा ड्राइवर आकर बस को आगे ले जाएगा. इसमें एक दिक्कत ये आ रही है कि अगर हम ऐसा करते हैं कि 8 घंटे के बाद कोई गाड़ी नहीं चलाएगा तो फिर हमारे पास ड्राइवर की कमी है. इस संबंध स्टेट ट्रांसपोर्ट के साथ भी विचार-विमर्श करने के लिए कहा गया है. इसमें सभी स्टेक होल्डर का ओपिनियन लेने के बाद भी अगला कदम उठाए जाएंगे.
फाइन की जगह पेनाल्टी की व्यवस्था
उन्होंने आगे कहा कि हमारी ओर से एनफोर्समेंट में भी सुधार किए गए. हमने फाइन बढ़ा दी, पेनल्टी लगा दी. इसमें सुझाव आया है कि फाइन की जगह केवल पेनाल्टी रखा जाए. इसलिए क्योंकि फाइन कोर्ट में जाता है जबकि पेनाल्टी नहीं जाती है. इसलिए लोगों की राय है कि पेनाल्टी रखी जाए जिससे लोग उसे भरकर खाली हो जाए. कोर्ट जाने की जरूरत न पड़े. हालांकि, पेनल्टी भी बढ़ाई गई. हादसे को देखते हुए हमने गाड़ियों में पीछे की बेल्ट और हेलमेट की अनिवार्यता की है.
गडकरी ने आगे कहा कि बच्चों के लिए भी सुझाव आए हैं कि कार में उसके लिए बेबी सीट का इस्तेमाल किया जाए, इस बारे में भी सोच रहे हैं, लेकिन हमें यह भी सोचना पड़ रहा है कि हमारा देश आर्थिक दृष्टि से अमेरिका और यूरोप जितना समृद्ध नहीं है. इसलिए उसके लिए चार्ज कितना रखना है इस पर विचार करना जरूरी है.