
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक और स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहकार डॉ. सौम्या स्वामिनाथन ने लोगों के काम करने की आदतों और शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उनका कहना है कि शरीर की जरूरतों को नजरअंदाज करना लंबे समय तक नुकसानदायक हो सकता है।
डॉ. स्वामिनाथन ने एक साक्षात्कार में बताया कि व्यक्ति को अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, “जब आप थकान महसूस करते हैं, तो यह शरीर का संदेश होता है कि उसे आराम चाहिए। इसे अनदेखा करने से आपकी कार्यक्षमता कम हो सकती है।” उनका मानना है कि काम की गुणवत्ता ही उत्पादकता की असली कसौटी है, न कि घंटों की संख्या।
उन्होंने कोविड-19 महामारी का उदाहरण देते हुए कहा कि आपात स्थिति में कुछ समय तक अत्यधिक मेहनत की जा सकती है, लेकिन यह तरीका स्थायी नहीं है। “कोविड के दौरान हमने दिन-रात काम किया, नींद कम ली और तनाव में रहे। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों पर यह बोझ सबसे ज्यादा था। लेकिन कई सालों तक ऐसा करना संभव नहीं,”
डॉ. स्वामिनाथन ने यह भी बताया कि उस दौर में कई स्वास्थ्यकर्मियों ने पेशा तक छोड़ दिया, क्योंकि लगातार दबाव उनके लिए असहनीय हो गया था। उन्होंने निष्कर्ष दिया कि छोटी अवधि के लिए कठिन परिश्रम ठीक है, लेकिन लंबे समय तक शरीर की अनदेखी से बचना चाहिए। यह एक व्यक्तिगत निर्णय है, जिसमें संतुलन जरूरी है।
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