
शंभू बॉर्डर। फसलें MSP की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों को लेकर 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करने की तैयारी में था, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर रोक दिया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई।
पुलिस ने लगाए गंभीर आरोप
हरियाणा पुलिस ने आरोप लगाया कि किसान हथियार लेकर आए हैं, जिसके बाद किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की। किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे बॉर्डर पर अफरा-तफरी मच गई।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का बयान
शंभू सीमा पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा,
“हमारे 101 किसानों और मजदूरों का जत्था बॉर्डर पर पहुंच चुका है। हमने पहले ही एक सूची जारी की है। अगर पुलिस ने हमें आगे बढ़ने से रोकने से पहले आईडी की जांच करनी है, तो उन्हें हमें बताना चाहिए, और हम सहयोग करेंगे। हम अनुशासन दिखाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस आंसू गैस का अधिक उपयोग कर रही है, क्योंकि हवा का रुख हमारी तरफ है।”
पुलिस की जांच प्रक्रिया
हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया,
“हम किसानों की पहले पहचान करेंगे और फिर उन्हें आगे जाने की अनुमति देंगे। हमारे पास 101 किसानों के नामों की सूची है, लेकिन वे हमें पहचानपत्र दिखाने में असमर्थ हैं।”
किसानों की मांगें
- MSP की कानूनी गारंटी
- फसलें बेचने से संबंधित अन्य समस्याओं का समाधान
समाधान की ओर पीएम की भूमिका
किसानों का कहना है कि समाधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्तर पर होना चाहिए। उनका आग्रह है कि पीएम समस्याओं का उचित समाधान करें या उन्हें दिल्ली मार्च की अनुमति दें।
किसानों की एकजुटता
किसान सरवन सिंह पंढेर और अन्य प्रदर्शनकारी किसान इस आंदोलन में पूरी कुर्बानी के लिए तैयार हैं। वे बातचीत के माध्यम से समाधान की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस की सुरक्षा जांच उनकी यात्रा में एक बड़ी बाधा बन रही है।
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