eSafety law
eSafety law: नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया ने इंटरनेट पर बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 27 दिसंबर से लागू होने वाले नए ऑनलाइन सेफ्टी कोड के तहत सर्च इंजनों को अश्लील और हिंसक सामग्री की थंबनेल इमेज को ब्लर करना अनिवार्य होगा। यह नियम गूगल, बिंग जैसे सर्च इंजनों पर लागू होगा, ताकि बच्चे गलती से हानिकारक कंटेंट न देख सकें।
eSafety law: ई-सेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने कहा कि सर्च इंजन हानिकारक सामग्री तक पहुंच का मुख्य द्वार हैं। 2022 के सर्वे में पाया गया कि 16-18 साल के हर तीन में से एक युवा ने पहली बार पोर्नोग्राफिक कंटेंट 13 साल से कम उम्र में देखा, जो ज्यादातर अनजाने में सर्च से सामने आया।
eSafety law: नए नियमों में ऑटोकंपलीट में सेक्सुअल या हिंसक सुझाव रोकना, लॉग-आउट यूजर्स के लिए डिफॉल्ट ब्लरिंग और आत्महत्या-संबंधी सर्च में हेल्पलाइन को ऊपर दिखाना शामिल है। जून 2026 तक लॉग-इन यूजर्स के लिए उम्र सत्यापन अनिवार्य होगा, जिसमें फेशियल एज एस्टीमेशन, डिजिटल आईडी या एआई आधारित तरीके इस्तेमाल हो सकते हैं।
eSafety law: उल्लंघन पर कंपनियों को 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक जुर्माना लग सकता है। यह कदम हालिया 16 साल से कम उम्र वालों के लिए सोशल मीडिया प्रतिबंध के बाद बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।
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