
मुंबई में 4,500 करोड़ के निवेश घोटाले पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, 4 ठिकानों पर छापेमारी...
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े निवेश घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने सोमवार को बताया कि मुंबई की एक कंपनी और उसके प्रवर्तकों द्वारा 50 लाख से अधिक जमाकर्ताओं के साथ 4,500 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी को लेकर छापेमारी की गई है। यह मामला पैनकार्ड क्लब्स लिमिटेड (पीसीएल) से जुड़ा हुआ है, जिसके पूर्व निदेशकों और अन्य के खिलाफ 28 फरवरी को छापे मारे गए।
कैसे हुआ 4,500 करोड़ का घोटाला?
ईडी के अनुसार, पैनकार्ड क्लब्स लिमिटेड ने बिना वैध अनुमति के सामूहिक निवेश योजना (CIS) चलाई और निवेशकों को भारी रिटर्न का लालच देकर उनसे करोड़ों रुपये जुटाए। कंपनी ने तीन से नौ साल की अवधि वाली योजनाओं की पेशकश की, जिनमें होटल में छूट, दुर्घटना बीमा और जमा राशि पर अधिक ब्याज का वादा किया गया। इस दौरान कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों की पूरी तरह अनदेखी की।
एजेंटों को लालच देकर फंसाया निवेशकों को
पैनकार्ड क्लब्स लिमिटेड ने हजारों एजेंटों की भर्ती की और उन्हें भारी कमीशन, विदेश यात्राएं, महंगी गाड़ियां और अन्य आकर्षक इनाम देने का लालच दिया। इन एजेंटों ने ज्यादा ब्याज दर के नाम पर जनता से नकद निवेश कराया और बदले में फिक्स्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट, बॉन्ड या पासबुक देकर निवेशकों का विश्वास जीता।
घोटालेबाज पैसा लेकर हुए फरार
शुरुआती कुछ वर्षों तक निवेशकों को पैसे वापस देकर उनका विश्वास जीता गया, जिससे और ज्यादा लोग इस योजना में निवेश करने लगे। लेकिन जब निवेश की राशि बहुत ज्यादा हो गई, तो कंपनी के प्रमुख अधिकारी और एजेंट पैसा लेकर फरार हो गए। जब निवेशकों ने अपनी राशि वापस मांगी, तो उन्हें धमकाया गया और पैसे देने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद, ठगी का शिकार हुए निवेशकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद यह घोटाला सामने आया।
कंपनियों के जरिए संपत्तियों में किया गया निवेश
जांच में पता चला कि घोटालेबाजों ने निवेशकों के पैसे को छिपाने के लिए M/s Bhaskar Infracon LLP नाम की कंपनी बनाई और उसमें करोड़ों रुपये निवेश कर दिए। झांसी में कई संपत्तियां खरीदी गईं और बाद में बेची गईं, जिनसे मिली रकम को समीर अग्रवाल के निर्देशों पर इधर-उधर ट्रांसफर किया गया। एक अन्य आरोपी ने M/s Castle Heights में 25% हिस्सेदारी ले रखी थी, जो भोपाल में रियल एस्टेट ब्रोकिंग का काम करती थी। इसी कंपनी के जरिए भी कई संपत्तियां खरीदी गईं।
ईडी की कार्रवाई जारी
ईडी ने इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है और संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया जारी है। एजेंसी उन लोगों की भी तलाश कर रही है, जो इस बड़े घोटाले में शामिल थे। माना जा रहा है कि इस घोटाले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
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