
हफ्ते के आखिरी दिन शेयर बाजार में भूचाल सेंसेक्स धड़ाम, निवेशकों के डूबे 7 लाख करोड़ रुपये...
शुक्रवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने जोरदार गोता लगाया। बैंकिंग, आईटी और एनर्जी सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली ने बाजार को हिला दिया। इस गिरावट का असर इतना गहरा रहा कि निवेशकों के करीब 7 लाख करोड़ रुपये एक ही दिन में स्वाहा हो गए।
सेंसेक्स और निफ्टी का हाल
- सेंसेक्स दिन के कारोबार में 700 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ।
- निफ्टी 50 ने भी कमजोर प्रदर्शन किया और 19,000 के स्तर के नीचे फिसल गया।
- बैंकिंग, आईटी और एनर्जी सेक्टर के शेयरों में बड़ी बिकवाली से बाजार पर दबाव बढ़ा।
क्या है गिरावट की वजह?
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में आई गिरावट के पीछे कई कारण हैं:
- वैश्विक संकेतों का दबाव: विदेशी बाजारों में कमजोरी और ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी की आशंका ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
- बिकवाली का दबाव: बैंकिंग और आईटी जैसे प्रमुख सेक्टरों में बड़े निवेशकों ने भारी बिकवाली की, जिससे बाजार में गिरावट तेज हुई।
- घरेलू और अंतरराष्ट्रीय चिंताएं: बढ़ती महंगाई, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने भी बाजार पर नकारात्मक असर डाला।
निवेशकों को भारी नुकसान
इस गिरावट में निवेशकों को बड़ा झटका लगा है।
- बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण करीब 7 लाख करोड़ रुपये घटकर 290 लाख करोड़ रुपये के आसपास आ गया।
- व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों को इस नुकसान का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा।
किन सेक्टरों पर पड़ा सबसे ज्यादा असर?
- बैंकिंग सेक्टर: बैंकिंग स्टॉक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई।
- आईटी सेक्टर: तकनीकी कंपनियों के शेयर भी बिकवाली का शिकार बने।
- एनर्जी सेक्टर: ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों में भी तेज गिरावट देखी गई।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है।
- अल्ट्रा हाई इन्वेस्टमेंट्स के प्रमुख: “निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। लंबी अवधि के लिए निवेश बनाए रखें। बाजार जल्द ही स्थिर हो सकता है।”
- एसएमसी ग्लोबल के विश्लेषक: “फंडामेंटल मजबूत हैं, लेकिन वैश्विक दबाव और ब्याज दरों की चिंताओं के कारण अल्पकालिक उतार-चढ़ाव हो सकता है।”
आगे का रुख
इस गिरावट के बाद निवेशकों की नजर अब अगले हफ्ते के कारोबार और प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजारों से अच्छे संकेत और घरेलू सुधारों की दिशा से बाजार को स्थिरता मिल सकती है।