
नितिन गडकरी
नई दिल्ली/नागपुर: केंद्रीय सड़क परिवहन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने वेस्ट वॉटर रिसाइक्लिंग की एक अनोखी उपलब्धि का जिक्र करते हुए बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र नागपुर में टॉयलेट के पानी को दोबारा उपयोग योग्य बनाकर हर साल 300 करोड़ रुपये कमाए जा रहे हैं। यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि आर्थिक रूप से भी एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।
गडकरी ने एक मीडिया समूह के 2025 समिट में इस पहल का खुलासा किया। उन्होंने कहा, “शायद आपको यकीन न हो, लेकिन हम टॉयलेट के पानी को रिसाइकिल करके सालाना 300 करोड़ रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं।” उन्होंने इस सफलता का श्रेय वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट और रिसाइक्लिंग की प्रभावी तकनीक को दिया, जो स्थायित्व के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी सुनिश्चित करती है। गडकरी ने सुझाव दिया कि देश के अन्य शहर भी इस मॉडल को अपनाएं, ताकि जल संकट से निपटा जा सके और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
केंद्रीय मंत्री ने भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कचरे से हाइड्रोजन उत्पादन की तकनीक भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना सकती है। गडकरी के मुताबिक, कचरे को बायोडाइजेस्टर में डालकर मिथेन तैयार किया जाएगा, जिसे बाद में हाइड्रोजन में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा, “हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। अगर हम इसे सस्ते और प्रभावी ढंग से बना सके, तो जीवाश्म ईंधन पर खर्च होने वाले लाखों करोड़ रुपये बचेंगे और भारत एक दिन ऊर्जा निर्यातक देश बन सकता है।”
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