
Dussehra Special Story
Dussehra Special Story : लटेरी : काला देव का अजब गजब दशहरा – कुशल शिकारियों द्वारा गोफन से फेंके पत्थर राम दल के आसपास भी नहीं गिरते l मान्यता है कि राम रक्षा करते है राम दल की
सिरोंज विधानसभा कि लटेरी तहसील के कालादेव ग्राम मे दशहरे का अनोखा रूप देखने मिलता है l गांव के मैदान मे एक तरफ स्थानीय निवासी भगवान राम का रथ लेकर खड़े होते है
और सामने दूसरी तरफ भील, बंजारे युवक गोफन और पत्थर लेकर खड़े होते है l इनके द्वारा फेंके गये पत्थर रामदल के लोगों को नहीं लग पाते जबकि ये लोग कुशल निशांची होते है, यही चमत्कार देखने क्षेत्र से हजारों लोग जमा होते है l
अचूक निशाने बाज होते भील –
भील आदिवासी कुशल निशानेबाज होते है l उड़ती चिड़िया को गोफन से पत्थर मारकर गिरा देना इनके बाएं हाथ का खेल है l लेकिन दशहरे के दिन इनका निशाना रामदल के किसी व्यक्ति पर नहीं लगता कहते है
कि दशहरे के दिन भगवान राम खुद इन शिकारियों के पत्थरो कि दिशा मोड़ देतें है और अपने दल कि रक्षा करते है l भील इस दिन के लिए गोल और संतुलित पत्थर बीन बीन कर जमा करते है और बोरियों मे भरकर लाते है l
Dussehra Special Story
लेकिन दशहरा के दिन इस जगह इनका निशाना चूक जाता है जिससे यह लोग भी हैरान है l ये परम्परा सेकड़ो सालों से चली आ रही है
यह है परम्परा –
कालादेव ग्राम मे भगवान राम का अति प्राचीन काले पत्थर का एक मंदिर है, इसी से इस गांव का नाम कालादेव पड़ा है l दशहरे के दिन पूजा के बाद स्थानीय ग्रामीण भगवान का रथ गांव के मैदान मे एक और लाकर खड़ा कर देते है, इसे रामा दल कहते है इस दल मे सिर्फ इसी गांव के लोग शामिल होते कोई दूसरा नहीं l
यह मैदान लगभग 100 मीटर लम्बा है l मैदान के बीच मे एक झण्डा गाड़ दिया जाता है l मैदान के दूसरी तरफ आदिवासी भील समाज के लोग पत्थर और गोफन लेकर खड़े हो जाते है, इस तरफ रावण कि एक मूर्ति लगी हुईं है l
रामा दल जयकारे करते हुए भगवान का रथ लेकर झंडे तक जाते है और वापस लौट आते है, इसी समय देर्जनों भील गोफन से रामदल पर पत्थर फेंकना शुरू कर देतें है l
सेंकड़ो पत्थरों के बीच रामदल के सभी सदस्य सुरक्षित वापस अपनी साइड आ जाते है l यह प्रक्रिया तीन बार कि जाती है l लेकिन रामदल का कोई सदस्य चोटिल नहीं होता, मान्यता है कि भगवान राम खुद रामदल कि रक्षा करते है l इसी को देखने क्षेत्र से हजारों लोग मैदान पर जमा होते है l