DRDO successfully tested Pralay missile चांदीपुर (ओडिशा)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को ओडिशा तट के पास प्रलय मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस दौरान एक ही लॉन्चर से बैक टु बैक दो प्रलय मिसाइलें (सल्वो लॉन्च) दागी गईं। मिसाइलों की पूरी उड़ान पर नजर रखने के लिए चांदीपुर में स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) के सेंसर लगाए गए थे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह परीक्षण सुबह करीब 10:30 बजे किया गया।
7500 kmph की रफ्तार, 1000 किलो बारूद ले जाने की क्षमता
7500 kmph की रफ्तार वाली यह मिसाइल 1000 किलो बारूद ले जा सकती है। यह मिसाइल भारत के प्रमुख सेना कैंप फिरोजपुर, जैसलमेर, भुज से पाकिस्तान के 10 बड़े शहर लाहौर, फैसलाबाद, गुजरांवाला, रावलपिंडी, इस्लामाबाद, बहावलपुर, मुल्तान, लाहौर, कराची, हैदराबाद, सुक्कुर को निशाना बना सकती है।
रक्षा मंत्रालय ने इसे भारत की सामरिक मिसाइल क्षमता के लिए एक अहम उपलब्धि बताया है। प्रलय शॉर्ट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है और पूरी तरह स्वदेशी है और DRDO ने ही इसे बनाया है।
DRDO successfully tested Pralay missile पहले भी हो चुका है सफल परीक्षण
इससे पहले DRDO ने 28-29 जुलाई को ओडिशा तट पर ही प्रलय मिसाइल के दो सफल परीक्षण किए थे। ये परीक्षण सेना और वायुसेना के उपयोग की जांच (यूजर इवैल्यूएशन ट्रायल) के तहत किए गए थे।
स्वदेशी तकनीक से विकसित इस आधुनिक क्वासी-बैलिस्टिक मिसाइल के जल्द हीं भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल किया जाना है, जिससे देश की रक्षा क्षमता और आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी।
DRDO successfully tested Pralay missile 23 दिसंबर- K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण
इससे पहले भारत ने 23 दिसंबर को बंगाल की खाड़ी में 3,500 किलोमीटर रेंज वाली K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। K-सीरीज की मिसाइलों में “K” अक्षर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में रखा गया है। यह टेस्ट INS अरिघाट से विशाखापट्टनम तट के पास किया गया। भारत जमीन, हवा के बाद अब समुद्र से भी परमाणु हथियार लॉन्च कर सकेगा। ये मिसाइल 2 टन तक न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है।
