
ISRO के नए चीफ होंगे डॉ. वी नारायणन, भारत के अंतरिक्ष अभियान को देंगे नई दिशा...!
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नए प्रमुख के रूप में वी नारायणन की नियुक्ति की घोषणा की है। इसरो के इस नए अध्यक्ष बनने पर वी नारायणन ने कहा कि वे अपने 41 वर्षों के अनुभव का उपयोग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई इस बड़ी जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए वी नारायणन ने कहा कि इसरो ने 1969 से अब तक देश के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसरो का नेतृत्व महान वैज्ञानिकों जैसे सर विक्रम साराभाई, यू.आर. राव, के. कस्तूरिंगन, के. राधाकृष्णन, ए.एस. किरण कुमार, के. सिवन, और एस. सोमनाथ जैसे व्यक्तित्वों ने किया है।
वी नारायणन ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि इसरो के टेक्नोक्रेट और प्रबंधन कर्मचारियों के साथ मिलकर हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विजन को साकार करेंगे, और स्वतंत्रता के 100 साल पूरे होने से पहले इसरो को और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।”
नारायणन ने भविष्य के मिशनों के बारे में भी बताया, जिसमें चंद्रयान 4 और अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण जैसे महत्वाकांक्षी मिशन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस दिशा में स्पैडेक्स का आयोजन होने जा रहा है, जो एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, वे जी1 रॉकेट का निर्माण भी कर रहे हैं, जो कि पहला मानवरहित रॉकेट होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम पीएसएलवी नामक एक महत्वपूर्ण प्रयोग भी करेंगे।
वी नारायणन 14 जनवरी को इसरो के प्रमुख के रूप में पदभार संभालेंगे। वे एस. सोमनाथ की जगह लेंगे, जिन्होंने चंद्रयान 3 जैसे सफल मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वी नारायणन के पास रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन में चार दशकों का शानदार अनुभव है, और वे वर्तमान में एलपीएससी के निदेशक के तौर पर कार्यरत हैं। एलपीएससी (लॉन्च व्हीकल प्रॉपल्शन सिस्टम सेंटर) इसरो का एक प्रमुख केंद्र है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियमाला में स्थित है।
इसरो के नए सचिव के रूप में वी नारायणन आने वाले दो साल तक इस पद पर बने रहेंगे, जब तक कोई नया आदेश या नियुक्ति नहीं होती।