
Divya Deshmukh
Divya Deshmukh : नई दिल्ली: भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने इतिहास रच दिया है। 19 जून को आयोजित वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चेस चैंपियनशिप में उन्होंने चीन की वर्ल्ड नंबर-1 खिलाड़ी हाउ यिफान को हराकर देश का नाम रोशन किया। इस शानदार जीत के बाद दिव्या देशमुख सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगीं, और हर कोई उनके जज़्बे और हुनर की तारीफ करता नजर आया।
दिव्या की जीत और भी खास इसलिए मानी जा रही है क्योंकि हाउ यिफान ने उन्हें टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में मात दी थी। लेकिन दिव्या ने दूसरे मुकाबले में शानदार वापसी करते हुए उन्हें मात दी। सफेद मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने न सिर्फ रणनीति में बढ़त बनाई, बल्कि समय का भी बेहतरीन प्रबंधन कर चीनी खिलाड़ी को चौंका दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं
दिव्या की इस अद्भुत जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा “वर्ल्ड टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप, लंदन के सेमीफाइनल के दूसरे लेग में वर्ल्ड नंबर 1 हाउ यिफान को हराने पर दिव्या देशमुख को बधाई। उनकी सफलता उनके साहस और संकल्प को दर्शाती है। यह आने वाली कई पीढ़ियों के खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।”
कौन हैं दिव्या देशमुख
दिव्या देशमुख का जन्म 9 दिसंबर 2005 को नागपुर में हुआ था। उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं मां नम्रता देशमुख और पिता जितेंद्र देशमुख। दिव्या ने महज़ 5 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था।
उनकी उपलब्धियों की फेहरिस्त भी बेहद प्रभावशाली है:
- 2012: अंडर-7 नेशनल चैंपियन
- 2014: अंडर-10 वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप (डरबन)
- 2016: अंडर-12 कैटेगरी में वर्ल्ड टाइटल (ब्राज़ील)
आज दिव्या देशमुख को भारत की उभरती शतरंज प्रतिभाओं में गिना जाता है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी बड़ा खिलाड़ी परास्त किया जा सकता है।