
शिक्षकों को निकालने पर धनेंद्र साहू का बयान: "यह दुर्भाग्यजनक स्थिति है"
रायपुर। पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने प्रदेश में शिक्षकों को निकालने के आदेश पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा,
“ये शिक्षक दो-दाई साल से काम कर रहे हैं। अब इन्हें हटाने की क्या जरूरत है? हमारे प्रदेश में शिक्षकों के कई पद रिक्त हैं, ऐसे में इन्हें समायोजित किया जाना चाहिए।”
भाजपा पर तीखा हमला
धनेंद्र साहू ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि निकाय और पंचायत चुनावों में भाजपा की रणनीति हर बार बागी उम्मीदवारों को खड़ा करने की होती है। उन्होंने आरोप लगाया,
“भाजपा हर बार यही कोशिश करती है कि बागी लोग चुनाव लड़ें। इस बार तो भाजपा डरी हुई है और चुनाव को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है।”
हिंदू धर्म के मुद्दों को भटकाने का जरिया बताया
धर्मांतरण और मंदिरों के मुद्दे को लेकर भी उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा। साहू ने कहा,
“भाजपा हिंदू धर्मांतरण और मंदिर जैसे मुद्दों को उछालती है। जो मौलिक जरूरतें हैं, उनसे ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। ये सब इनके वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है।”
“घर वापसी जूठन खाने जैसा”
धनेंद्र साहू ने भाजपा की ‘घर वापसी’ पहल पर तंज कसते हुए इसे जूठन खाने जैसा काम करार दिया। उनका कहना था कि भाजपा का उद्देश्य केवल अपना वोट बैंक मजबूत करना है।
“ये घर वापसी करा के जूठन खाने जैसा काम करते हैं। इनका सिर्फ एक मकसद है—वोट बैंक को बनाए रखना।”
सवाल खड़ा किया
उन्होंने प्रदेश सरकार और भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि क्या शिक्षकों को हटाना या धर्मांतरण जैसे मुद्दों को उठाना राज्य की प्राथमिक जरूरतों को हल करेगा?
साहू ने सरकार से अपील की कि शिक्षकों को हटाने के बजाय उन्हें रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए।
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