Delhi pollution: नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कड़े कदम उठाने का ऐलान किया है। सरकार के अनुसार, कल से दिल्ली के सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य होगा। नियमों का पालन न करने पर जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।
Delhi pollution: दिल्ली सरकार ने यह भी घोषणा की है कि ग्रैप-3 के दौरान निर्माण कार्य बंद रहने से प्रभावित रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन मजदूरों को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि सीधे मजदूरों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
Delhi pollution: इस संबंध में कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि फिलहाल दिल्ली में ग्रैप-4 लागू है और श्रम विभाग द्वारा कई अहम फैसले लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि ग्रैप-3 के दौरान 16 दिनों तक निर्माण कार्य बंद रहा, जिससे मजदूरों को नुकसान हुआ। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मुआवजे का फैसला किया है।
मंत्री ने जानकारी दी कि CAQM और पर्यावरण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत कल से सभी प्रतिष्ठानों में केवल 50 प्रतिशत उपस्थिति की अनुमति होगी और शेष कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करना होगा। हालांकि, यह नियम स्वास्थ्य सेवाओं, अस्पतालों, फायर सर्विस, जेल और सार्वजनिक परिवहन जैसी आवश्यक सेवाओं पर लागू नहीं होगा।
Delhi pollution: 13 सालों तक दिल्ली में निकम्मा मुख्यमंत्री बैठा था: कपिल मिश्रा
इस दौरान कपिल मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 13 वर्षों तक “निकम्मा मुख्यमंत्री” रहा और प्रदूषण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। मंत्री ने आरोप लगाया कि मौजूदा प्रदूषण की स्थिति के लिए अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार जिम्मेदार है।
Delhi pollution: कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण विरासत में मिला है, लेकिन पहले की सरकारों ने इसे नियंत्रित करने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली और पंजाब की जनता सब देख रही है और सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेगी।
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