
एक सुत्री स्थाईकरण की मांग : दैनिक श्रमिक मोर्चा
दैनिक श्रमिक मोर्चा : ज्ञापन में दैनिक श्रमिक मोर्चा ने एक सुत्री स्थाईकरण, वर्तमान प्रदत्त श्रम सम्मान एव मासिक श्रम दर के वेतन को संयुक्त रूप से काल्पनिक वेतन श्रेणी वार बनाकर करने की मांग रखी है।
कमिटी में सभी संगठनों को जल्द से जल्द सदस्य बनाने का कथन भी रखा गया है। सरकार द्वारा इस सुझाव स्वीकारने पर प्रदेश के 36 हजार बिना नियुक्ति पत्र, श्रम दर का वेतन पाने वाले को तत्काल लाभ मिल सकता है।
संगठन प्रवक्ता ने बताया कि स्थाईकरण योजना को माता कौशल्या के नाम से करने का सुझाव दिया गया है। दैनिक वेतन भोगी, नियुक्ति पत्र धारक कलेक्टर दर के कर्मचारीयो का नियमितीकरण ही संभव है अतः मोर्चा ने उनके लिए
स्थाईकरण की माँग नही रखी है। म.प्र. में जिनका स्थाईकरण 2016 में हुआ उन्हें हर 6 महीने में महंगाई भत्ता, वार्षिक वेतन वृद्धि और वहां ओपीएस के स्थान में लागू एनपीएस की सुविधा का लाभ भी प्रदान किया जा रहा है।
मोर्चा ने यह जानकारी भी दी कि PWD में ईपीएफ़ कटौती और ईएसआईसी सुविधा का लाभ समस्त कार्यरत दैनिक मासिक श्रमिको को मिलने लगेगा।
दैनिक श्रमिक मोर्चा
ज्ञात हो कि सा.प्र.वि. के नियमानुसार आकस्मिकता निधि कार्यभारीत एव रिक्त पद के विरुद्ध मर्ज होने हेतु नियुक्ति पत्र अनिवार्य होता है। नियुक्ति पत्र धारकों को ही इसका लाभ दिया जा सकता है
अन्य को दिया ही नही जा सकता है। दैनिक श्रमिक मोर्चा के द्वारा बिना नियुक्ति पत्र वाले बिना बिचौलिए के श्रम दर का मासिक वेतन, श्रम सम्मान प्राप्त कर्ता हेतु म.प्र. की तर्ज पर स्थाईकरण जैसी योजना के प्रवाधान की मांग रखी गई है
म.प्र. सरकार ने स्थाईकरण योजना का प्रवाधान आवश्यकता को देखते हुए बनाया है। वर्तमान में स्थाईकरण का प्रवाधान केवल म.प्र. में 2016 से लागू है
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15 अगस्त 2024 में इसी प्रवाधान के अंतर्गत म.प्र. के सफाई कर्मियों को काल्पनिक वेतनमान के साथ पुनः स्थाईकरण किया गया है।
इस अवसर पर सत्यम शुक्ला, आकाशदीप राठौर, अजय धनकर, विश्वदीप रावत, गेंदलाल बाल किशोर अन्य साथी गण मौजूद थे।
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