
CM Dr. Mohan Yadav
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उज्जैन, राजेश व्यास
CM Dr. Mohan Yadav : दो दिवसीय शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने रामघाट पर पूजन अर्चन कर मां शिप्रा को चुनरी अर्पण की। समापन कार्यक्रम मे भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर महापोर् भी शामिल हुए।
CM Dr. Mohan Yadav : सीएम ने प्रदेश में हरियाली अमावस्या तक साढ़े 5 करोड़ पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा है। वही उज्जैन मे लगने वाले सिंहस्थ के लिये 20 हजार करोड़ रुपये लागत से पूरे प्रदेश के मंदिरों मे कार्य किए जायेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गंगा दशहरा पर्व और दो दिवसीय शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के समापन पर सपत्नीक मां शिप्रा की विधि विधान से पूजन-अर्चन कर आरती की और मां शिप्रा के रामघाट पर दोनों तटों से 350- 350 फीट की 2 चुनरी ओढ़ाई।
इस दौरान प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। इस अवसर पर मां शिप्रा के जयकारों से पावन रामघाट गुंजायमान हो रहा था।
CM Dr. Mohan Yadav
पंडित गौरव उपाध्याय और उनके दल द्वारामुख्यमंत्री डॉ यादव को रामचरित मानस एवं बाबा महाकाल का चित्र भेंट किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा इस अवसर पर नारदीय कीर्तन एवं हरिकथा के माध्यम से श्रीनाथ परम्परा के प्रचार-प्रसार के अद्वितीय प्रयासों के
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लिए संत बालकृष्ण वासुदेव नाथ ढोली बुवा महाराज का सम्मान किया गया। इसी तरह ग्राम निनौरा की सीताबाई, जिन्होंने जल को संरक्षित करने के उद्देश्य से अपनी स्वयं की पांच बीघा भूमि बेचकर ग्राम निनोरा में शिप्रा नदी किनारे घाट निर्माण कार्य किया, जिन्हें आज मंच से
सम्मानित किया गया। इसी तरह शिप्रा मैया एवं मानव सेवा करने के लिए दीपक कहार को भी सम्मानित किया गया। सी एम ने कहा कि वर्षाकाल में हरियाली अमावस्या तक प्रदेश में कुल साढ़े 5 करोड़ पौधे रोपित किये जायेंगे। हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश की नदियां एवं
जलाशय और अन्य जल स्त्रोत संरक्षित होकर प्रदूषणमुक्त रहें। प्रदेश में चले जल गंगा संवर्धन अभियान में 5 जून से आज तक 28 करोड़ लागत से शहरी क्षेत्र में 2700 से अधिक एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 26 करोड़ रुपये लागत से 2300 से अधिक संरचनाओं का निर्माण एवं जीर्णोद्धार
हुआ है। प्रदेश में 212 नदियों का संरक्षण करने का संकल्प लिया गया है, जिसमें उद्गम से लेकर अन्तिम छोर तक संरक्षण का कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जल संरचनाओं के निकट पौधरोपण किया जायेगा।
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