Check Webstories
कौशांबी : कौशांबी जिले में बुधवार सुबह 9 बजे पारा 11 डिग्री सेल्सियस रहा। रोज़ पारा लगातार कम हो रहा है। इस तापमान में सर्द हवाएं भी ठंड को और बढ़ा रही हैं। इस स्थिति में भी बच्चे बिना स्वेटर के स्कूल पहुंच रहे हैं। जहां बदहाल कमरों में टूटे खिड़की दरवाजे से आती ठंड हवा की मार भी सह रहे हैं। ठंड से ठिठुरते हुए पढ़ने को मजबूर हैं।
ठंड तेज हो गई है। इसका असर स्कूलों में छात्र छात्राओं की उपस्थिति पर पड़ने लगा है। स्कूलों में बच्चों की मौजूदगी कम होने लगी है। इसका अहम कारण बच्चों के पास गर्म कपड़ों का अभाव और स्कूल भवन में मौसम की मार से बचाव की माकूल व्यवस्था न होना है।
जिले में 162293 छात्र-छात्राए है, जिसमे से 153828 के आधार सही करवा कर अभिभावकों के बैंक खाते में प्रति छात्र 12-12 सौ रुपए डीबीडी के माध्यम से भेजा गया है। शेष बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते अपडेट न होने से बैंक में पैसा नहीं जा सका था। अब बैंक खाते अपडेट हो गए हैं।
जल्द ही स्वेटर, ड्रेस, जूता, मोजा, बैग आदि का 12-12 रुपए भेज दिया जाएगा। विडंबना यह हैं कि पहले से ही जिन अभिभावकों के खाते में पैसा भेजा गया हैं उनकी ही ओर से अपने बच्चों के लिए स्वेटर नहीं खरीदा गया है। इससे उनके बच्चे बिना
स्वेटर के ही पुराने ड्रेस में स्कूल आ रहे हैं, और ठंड की मार सह रहे हैं। अभिभावकों की लापरवाही शासन की मंशा पर पानी फेर रहा है। बच्चों को पुराने ड्रेस, जूता, मोजा पहनकर और कटे फटे बैग लेकर स्कूल आने को मजबूर कर रहा है। बच्चों को कुंठित कर रहा है।
कौशांबी बीएसए कमलेंद्र कुशवाहा ने बताया कि 162293 नामांकन की सापेक्ष 161021 गार्जियन और 155560 स्टूडेंट का आधार वेरीफाई हुआ है, और 153828 के खाते में धनराशि प्रेषित की जा चुकी है। इस संबंध में अभिभावकों को जागरुक भी किया जा रहा है। संबंधित हेड मास्टर और कक्षा अध्यापक द्वारा ऑनलाइन डीबीटी जो अपलोड की जाती है उसमें जनपद कौशांबी के 86 परसेंट बच्चों की फोटो अपलोड की गई है।
इनके खाते में धनराशि प्रेषित की गई है। इस संबंध में ग्राम प्रधानगण, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक जागरूकता के माध्यम से लगातार हम लोग इस पर कम्पेन चलाए हुए हैं। और हर एक बच्चे को सर्दी से बचने के लिए निर्धारित यूनिफॉर्म अवश्य खरीदेंगे। इसके अलावा सर्दी से बचने के लिए
गर्म कपड़े पहनने के लिए बोला गया है। बच्चों को धूप में भी पढ़ने के निर्देश दिए गए हैं। अलाव की भी सामान व्यवस्था है तो उसमें बैठ सकते हैं। समय-समय पर बच्चों का मेडिकल भी करते रहते हैं। हम लोग मुख्य रूप से गार्जियन को जागरुक कर रहे हैं यूनिफॉर्म में ही बच्चों को विद्यालय भेजें।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.