छत्तीसगढ़ का भव्य माता रानी का पंडाल: संघर्ष क्लब की अनोखी पहल, संरक्षक हर्षित सिंघानिया के नेतृत्व में

रायपुर – छत्तीसगढ़ में इस वर्ष माता रानी का भव्य पंडाल विशेष भव्यता और श्रद्धा के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। संघर्ष क्लब द्वारा आयोजित इस पंडाल का नेतृत्व संरक्षक हर्षित सिंघानिया कर रहे हैं, जिनके नेतृत्व में यह पंडाल पूरे राज्य में धूम मचा रहा है और सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
इस पंडाल की भव्यता और अनोखे स्वरूप को देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। इस वर्ष का पंडाल 10 महाविद्याओं पर आधारित है, जो देवी के 10 दिव्य रूपों का प्रतिनिधित्व करता है। प्रत्येक महाविद्या का एक विशेष प्रतीक और महत्ता है, और इन रूपों को भक्तों के सामने दिव्य, भव्य और अलौकिक रूप में प्रस्तुत किया गया है।
10 महाविद्याएं क्या हैं?
10 महाविद्याएं हिंदू देवी महाकाली के दस स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन रूपों में शक्ति, ज्ञान, और अलौकिक शक्ति की अद्वितीयता है। ये दस महाविद्याएं हैं:
- काली – अज्ञान का नाश करती हैं और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती हैं।
- तारा – ज्ञान की देवी, जो अज्ञानता का नाश करती हैं।
- त्रिपुरसुंदरी – सौंदर्य और आकर्षण की देवी, जो जीवन में सुख और शांति प्रदान करती हैं।
- भुवनेश्वरी – संसार की अधिष्ठात्री, जो जगत का संचालन करती हैं।
- छिन्नमस्ता – आत्मबलिदान और साहस की देवी।
- त्रिपुरभैरवी – उग्रता और शक्ति की प्रतीक, जो शत्रुओं का नाश करती हैं।
- धूमावती – विधवा और संकट की देवी, जो अज्ञान और बाधाओं को दूर करती हैं।
- बगलामुखी – शत्रुओं को वश में करने वाली देवी।
- मातंगी – ज्ञान, कला, और संगीत की देवी।
- कमला – धन और समृद्धि की देवी, जो सौभाग्य और ऐश्वर्य प्रदान करती हैं।
इस भव्य पंडाल में इन सभी महाविद्याओं के स्वरूपों को दर्शाया गया है, जो दर्शकों को भक्ति और श्रद्धा की अद्वितीय अनुभूति प्रदान कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए यह पंडाल एक आध्यात्मिक यात्रा का केंद्र बन गया है।
लोकेशन: चौबे कॉलोनी, रायपुर
पंडाल के इस अनोखे स्वरूप ने राज्य में धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल को नया आयाम दिया है। स्थानीय और बाहरी श्रद्धालु यहां आकर माता रानी के आशीर्वाद की अनुभूति प्राप्त कर रहे हैं।