छत्तीसगढ़ पवेलियन में अब तक 25,000 से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, जहां उन्हें विश्राम, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। संगम में स्नान करने के बाद यहाँ आने वाले श्रद्धालु छत्तीसगढ़ की संस्कृति, लोककला और आध्यात्मिक विरासत से भी रूबरू हो रहे हैं।
श्रद्धालु मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का जता रहे आभार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से स्थापित इस पवेलियन को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है। यहाँ पर आने वाले लोगों ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सेवा और संस्कृति के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा है।

छत्तीसगढ़ पवेलियन की खास बातें:
निःशुल्क भोजन और जल सेवा – यहाँ श्रद्धालुओं को विशेष छत्तीसगढ़ी व्यंजन और शुद्ध जल उपलब्ध कराया जा रहा है।
आराम और विश्राम स्थल – थके हुए श्रद्धालुओं के लिए विशेष टेंट और विश्राम स्थल बनाए गए हैं।
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक झलक – पवेलियन में लोककला, पारंपरिक नृत्य और छत्तीसगढ़ी भजन का आयोजन किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाएँ – स्नान के बाद श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए चिकित्सा शिविर और आयुर्वेदिक सेवा केंद्र उपलब्ध कराए गए हैं।
धार्मिक प्रवचन और सत्संग – संत-महात्माओं द्वारा धार्मिक प्रवचन और सत्संग आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे श्रद्धालु आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर हो रहे हैं।
महाकुंभ में छत्तीसगढ़ की अनूठी पहचान
महाकुंभ में पहली बार छत्तीसगढ़ सरकार ने इस तरह का भव्य पवेलियन स्थापित किया है, जिससे राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर नई ऊँचाई मिली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वयं इस पहल की निगरानी की है और लगातार व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में छत्तीसगढ़ पवेलियन की यह सेवा श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अनुभव बन रही है, जहाँ वे न केवल आध्यात्मिक लाभ ले रहे हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपराओं से भी परिचित हो रहे हैं।