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Chhattisgarh Assembly : रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र भारी हंगामे, शोर शराबे और शासकीय कार्यों के निष्पादन के बीच संपन्न हुआ, पांच दिवसीय सत्र में प्रथम
अनुपूरक, 2 संशोधन विधेयक सहित विपक्ष के दर्जनों मुद्दों सहित सत्तापक्ष के विधायकों के द्वारा ही सरकार को घेरने की गूंज रही… देखिए यह खास रिपोर्ट।
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार के 7 माह के कार्यकाल बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आहूत किया गया. पांच दिवसीय इस सत्र में विपक्ष ने आधा दर्जन मुद्दों के जरिए
सरकार को घेरने की कोशिश कि तो वहीं सत्तापक्ष के विधायक भी सरकार से कई सवाल करते नजर आए… विपक्ष पहले ही दिन से नया दिन.. नया मुद्दा की रणनीति के तहत चार दिनों तक अलग
अलग मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव लेकर आया… हालांकि विपक्ष का एक भी स्थगन मंजूर नहीं हुआ जिससे सदन में काफी गतिरोध भी देखने को मिला… विपक्ष ने तो गर्भगृह में पहुंचकर एकबार इतनी नारेबाजी की कि अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही स्थगित ही करनी पड़ है…
बात मुद्दों की करें तो…
विपक्ष इन मुद्दों के साथ सरकार को घेरने की कोशिश की, बलौदाबाजार हिंसा पर पहले ही दिन विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव लाया,
दूसरे दिन खाद बीज की कमी बिजली कटौती पर विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव,
तीसरे दिन कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार से मांगा जवाब, चौथे दिन विपक्ष ने डायरिया मलेरिया विषय पर सरकार को घेरा बात अगर विधि विधायी कार्यों की करें तो सरकार के द्वारा
मंडी संशोधन विधेयक, छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर संशोधन विधेयक पारित कराया गया… तो वहीं अशासकीय संकल्प के जरिए नगर निगम, पालिका, पंचायत, जिला पंचायत, जनपद पंचायत
चुनाव एक साथ कराने का विषय आया तो वहीं अंबिकापुर को रेल नेटवर्क के जरिए रेणुकूट से जोड़ने, मुंगेली के कंतेली में कॉलेज खोलने, शहरी और ग्रामीण आवसीय क्षेत्रों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को
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अनिवार्य किए जाने, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्त्री रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना करने का अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किया… इस सब के बीच विपक्ष के तेवर और मुद्दों को लेकर भाजपा
प्रदेशाध्यक्ष और विधायक किरण देव सिंह ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है… विपक्ष का काम सिर्फ हंगामा करना है क्योंकि विष्णु देव साय सरकार बेहतर कार्य कर रही है…
Raipur Tatibandh Crime : बैंक कर्मी ने फांसी लगाकर की खुदकुशी….
सरकार के बेहतर कार्य करने के तर्क पर जवाब देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक द्वारिकाधीश यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार सात माह के कार्यकाल में ही फेल हो चुकी है…
विपक्ष दर्जनों मुद्दों पर जवाब चाह रही थी मगर सरकार की ओर से जवाब नहीं दिया गया… देश की इतिहास में पहली बार एसपी कलेक्टर कार्यालय को जलाया गया,
राजधानी के करीब मॉब लिंचिन हो रही है, डायरिया मलेरिया से लोगों की मौत हो रही है, दवाइयों की कमी है….राजस्व विभाग के लोग हड़ताल पर थे…अनियमित कर्मचारी हड़ताल पर हैं यह सब सरकार के विफलता को बताने के लिए काफी है….
विधानसभा के पांच दिवसीय सत्र का नाम भले ही मानसून सत्र था मगर सदन के भीतर सियासी पारा काफी हाई रही… सरकार और विपक्ष के बीच नोकझोक ने पूरे
पांचों दिन राजनीतिक तापमान बढ़ा कर रखा… बहरहाल सत्र के दौरान कई जांच का भी ऐलान किया गया… इस सब का असर क्या होगा आने वाला वक्त तय करेगा…