छठ पर्व का कार्यक्रम:
- पहला दिन (नहाय-खाय):
- तिथि: 5 नवंबर 2024
- इस दिन श्रद्धालु नदी या तालाब में स्नान करते हैं और शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं।
- भोजन में लहसुन और प्याज का प्रयोग वर्जित होता है; मुख्य रूप से चने की दाल और कद्दू की सब्जी बनाई जाती है।
- दूसरा दिन (खरना):
- तिथि: 6 नवंबर 2024
- इस दिन उपवास रखा जाता है और शाम को विशेष प्रसाद का सेवन किया जाता है।
- तीसरा दिन (डूबते सूर्य को अर्घ्य):
- तिथि: 7 नवंबर 2024
- इस दिन श्रद्धालु डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
- चौथा दिन (उगते सूर्य को अर्घ्य):
- तिथि: 8 नवंबर 2024
- इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन किया जाता है।
पर्व का महत्व:
छठ पर्व मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए जाना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वांचल के क्षेत्रों में मनाया जाता है, लेकिन अब यह वैश्विक स्तर पर भी लोकप्रिय हो गया है। महिलाएं इस पर्व पर 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं, जो घर की खुशहाली और संतान की सलामती के लिए होता है। इस प्रकार, छठ पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक एकता और परिवार के बंधनों को भी मजबूत करता है।
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